पेसा कानून के नियमों को बनाए जाने की आवश्यकता है
उइके ने कहा कि अनुसूचित क्षेत्रों में राज्यपाल को पांचवी अनुसूची के माध्यम से महत्वपूर्ण संवैधानिक अधिकार दिए गए हैं। जब मैं पिछले दिनों राष्ट्रपति भवन में राज्यपालों के सम्मेलन में शामिल हुई तो आदिवासियों के अधिकारों से जुड़े प्रावधानों पर चर्चा करने के लिए एक उप समूह बनाया गया था, जिसमें इस विषय पर वृहत चर्चा हुई, तब यह बातें सामने आए कि अभी भी कुछ राज्यों में परामर्शदात्री समिति का गठन तो हुआ है परन्तु इनकी बैठकें नियमित नहीं हो पा रही है। यह बैठकें नियमित होनी चाहिए। पेसा कानून बनाए गए हैं परन्तु उनके नियमों को बनाए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि यह आप सबकी जिम्मेदारी है कि अपने-अपने राज्यों में पांचवी अनुसूची और पेसा कानून की जानकारी दें और समाज को जागरूक करें।
आदिवासियों को परम्परागत शिल्प बनाने के क्षेत्र में कुशल बनाए जाने की आवश्यकता है
राज्यपाल ने सुझाव देते हुए कहा कि आदिवासी क्षेत्र में जो भी परियोजना या उद्योग धंधे स्थापित हों, वहां विस्थापन आवश्यक हो तो उसके बदले उन्हें मुआवजा-जमीन तथा रोजगार भी अनिवार्य रूप से दी जाए। वहां के स्थानीय युवाओं को तकनीकी रूप से प्रशिक्षण दिया जाए। उनके कौशल विकास के लिए ऐसी विशिष्ट योजनाएं बनाई जाए, जो उनकी परंपराओं, व्यवहार, उनके सदियों के कौशल ज्ञान को ध्यान पर आधारित हो। आदिवासी परम्परागत शिल्प बनाने में माहिर हैं और हमें उन्हें इस क्षेत्र में कुशल बनाए जाने की आवश्यकता है। इनके लिए समुचित बाजार भी उपलब्ध कराई जाए, ताकि उन्हें अपने उत्पाद का उचित मूल्य मिल सके। यह कार्यक्रम ‘अनुसूचित क्षेत्रों में आदिवासियों के संरक्षण और अधिकार’ विषय पर आयोजित किया गया। इस अवसर पर ट्राईबल कोल फील्ड प्राइवेट लिमिटेड के पहले दो शेयर होल्डर को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में ट्राईबल कोल फील्ड प्राईवेट लिमिटेड के चेयरमेन सह प्रबंध निदेशक सुप्रभा मुर्मू ने कार्यक्रम की अवधारणा, हार्दिक शर्मा ने कोयले की वैकल्पिक उपयोग और अनिल कुमार साहू ने पांचवीं अनुसूची के प्रावधानों की जानकारी दी। इस कार्यक्रम में नेपाल के पूर्व सांसद शिवनारायण उरांव और विभिन्न राज्यों के प्रतिनिधि और विशेषज्ञ उपस्थित थे।