वहीं सरपंच टंकधर नागेश का कहना है कि पंचायत की ओर से लॉकडाउन शुरू होते ही चावल के साथ ही राशन के पूरे समान की व्यवस्था की गई थी। वहीं भीख मांगकर चावल के साथ ही राशन का अन्य सामान जुटाने की जानकारी मुझे नहीं है, ना ही संबंधित लोगों के द्वारा मुझे जानकारी दी गई थी। वहीं विधायक निवास आने पर मुझे जानकारी मिली है, अब इनके लिए जो भी सहयोग होगा मैं करने को तैयार हूं।[typography_font:18pt;” >देवभोग. तीखुर का व्यवसाय करने चार महीने पहले राजिम के पारा गांव से माहुलकोट पहुंचे दो परिवारों की दास्तां कुछ ऐसी हो गई है की वे अब पेट पालने के लिए भीख मांगने को मजबूर हो गए है। वहीं विधायक डमरूधर पुजारी के पास पहुंचे दो महिलाओं ने अपना दर्द बयां किया। महिलाओं ने बताया कि 9 लोग यहां तीखुर का व्यवसाय करने पहुंचे थे। इसी बीच सरपंच ने उन्हें 70 किलो चावल के साथ दाल, आलू और तेल का भी व्यवस्था करवाया था। वहीं आज दो महीने बीत चुके है, राशन खत्म होने से उनकी परेशानी बडऩे लगी है। विधायक से मिलने पहुंची हिना ध्रुव और देवी ध्रुव ने बताया कि गांव में लोगों से चावल और अन्य चीजें मांग-मांग कर अपने परिवार के लोगों के लिए भोजन की व्यवस्था कर रही है। उन्होंने विधायक से गुहार लगाते हुए कहा कि उनके पास पैसा भी खत्म हो गया है, आज स्थिति यह है कि वह पेट पालने के लिए भी दूसरों का मुंह ताकने को मजबूर है।विधायक ने करवाई राशन की व्यवस्थामहिलाओं द्वारा राशन नहीं होने की बात बताने के साथ ही घर-घर जाकर राशन जुटाने की जददोजहद की दर्द भरी दस्ता सुनने के बाद विधायक ने तत्काल संबंधित महिलाओं को राशन उपलब्ध करवाया। वहीं विधायक ने दोनों महिलाओं को यह भी आस्वस्त किया कि वे उनको घर तक भिजवाने के लिए भी जल्द ही व्यवस्था भी करेंगे।