
टंगरान में अवैध रूप से बसाए गए गांव को वन विभाग ने किया अतिक्रमणमुक्त
गरियाबंद जिले के उदंती सीतानादी टाइगर रिजर्व बफर जोन एरिया तौरेंगा परिक्षेत्र में एक बार फिर वन विभाग की टीम ने वन क्षेत्र में अवैध रूप से बसाए गए ग्राम टंगरान को अतिक्रमण मुक्त कराने में सफलता मिली है। बुधवार को सुबह वन विभाग के स्थानीय अधिकारी कर्मचारी डीएफओ वरूण जैन के निर्देशन में अतिक्रमण क्षेत्र पहुंचे। जहां ग्रामीण अपने-अपने घरों से हटने का नाम नहीं ले रहे थे। जिसके बाद उपनिदेशक उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व वरुण जैन द्वारा खुद ग्रामीणों के समक्ष जाकर समझाइश गई कि अतिक्रमण क्षेत्र से आप स्वयं स्वेच्छा से हट जाएं। वन विभाग द्वारा कोई जोर-जबरदस्ती नहीं की जाएगी। अपने सामान को सुरक्षित निकाल लें। जिसके बाद स्वेच्छा से ग्रामीण अपने-अपने अतिक्रमण किए जगह से हटने लगे।
वन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार टांगरान अतिक्रमण बस्ती जो उदंती सीतानदी टाइगर रिज़र्व के 70 हेक्टेयर सघन वन क्षेत्र को काट करके बसाईं गई थी को वन विभाग द्वारा विधिवत हटाया गया. इस कार्रवाई में करीब 40 महिला वन रक्षक, वन प्रबंधन समिति की महिलाएं समेत 250 स्टाफ का योगदान रहा. 150 किलोमीटर दूर महासमुंद, कांकेर, केशकाल व धमतरी जिले से महिला फारेस्ट गार्ड आई। महासमुंद की 1 महिला वन रक्षक रूपा चतुर्वेदी अपनी 8 माह की दुधमुंही बच्ची के साथ अपनी ड्यूटी निभाने आई। जिससे बाकी स्टाफ का भी हौसला बढ़ा, क्योकि पिछली बार इचरादी अतिक्रमित बस्ती पर कार्रवाई के समय वन अमले पर जानलेवा हमले हुए थे. 30 अतिक्रमणकारियों की अवैध कब्जे की भूमि को समतल किया गया और कुछ हिस्से (डी- ग्रेडेड फारेस्ट पेड़ काटने के बाद बंजर पड़ी भूमि) में कंटूर ट्रेंच बनाए गए ताकि बारिश का पानी से भू-जल रिचार्ज हो सके और जला दिये गए ठूठ में से कोपल निकल सके।
अतिक्रमणकारियों द्वारा पिछले 10 वर्षो में लगभग 70 हेक्टेयर वन भूमि को काटकर नुक्सान पहुंचाया। जिसमें अब केवल कुछ ही वृक्ष बचे हैं। वर्ष 2010-2012 की इमेजरी से पता चला कि उस समय यह क्षेत्र सघन वन था. अतिक्रमणकारियों द्वारा लगभग कई हजारों वृक्षों को कटाई के बाद उनके ठूठ को जला दिया गया, ताकि देखने में भूमि बंजर दिखे. अतिक्रमणकारियों को वन विभाग द्वारा 2 बार कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था, जिसके विरुद्ध उनके द्वारा उच्च न्यायालय में 2 बार याचिका लगाई थी। जिसमे कोर्ट द्वारा वन विभाग की कार्रवाई को गलत नहीं बताया था और नियम अनुसार कार्यवाही करने निर्देशित किया था. जुलाई में हाई कोर्ट के फैसले के बाद अगस्त 2023 में अतिक्रमणकारियों ने उप सचिव (वन विभाग) में बेदखली आदेश के विरुद्ध अपील की थी.
उप सचिव द्वारा 2 बार सुनवाई करने बाद वन विभाग द्वारा दिए गए इसरो इमेजरी के साक्ष्य को सही मानते हुए अपील 13 दिसंबर 2023 को ख़ारिज कर दी थी। अतिक्रमण हटाने के दौरान अतिक्रमणकारियों का समस्त घरेलू सामान (सोलर पैनल, टीन शेड, बर्तन, झिल्ली, आदि) सम्बंधित पटवारी के समक्ष उन्हीं को सुपुर्द कर दी गई व वनोपज की जब्ती की गई। इस दौरान देवगुड़ी वअन्य धार्मिक संरचनाओं को बिना किसी जनभावना को आहत किए सुरक्षित रखा गया. 13 आरोपियों/ मुखियाओं को मौके से गिरफ्तार किया गया हैं, जिनको गुरुवार को न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा।
इस दौरान 30 में से 23 अतिक्रमणकारी ओडिशा राज्य के थे और उनके वास्तविक घर नबरंगपुर में हैं. उनको समझाइश दी गई थी कि वे अपने अपने वास्तविक घरों में वापिस लौट जाए. 2 अतिक्रमणकरियों के पास 4 हेक्टेयर के वन अधिकार पत्र थे, लेकिन वे उस क्षेत्र से बढाकर अतिरिक्त रकबे में अतिक्रमण कर रहे थे जिन पर भी कार्रवाई कि गई। उनकी वैध काबिज भूमि को सुरक्षित रखा गया।
ये कहा अधिकारी ने
बुधवार को तौरेंगा बफर जोन एरिया टंगरान से वन अतिक्रमणकारियों को वन क्षेत्र से हटाया गया है। इस दौरान वन विभाग की टीम को देखकर पहले ग्रामीण उग्र हो गए व अपने जगह से हटने का नाम नही ले रहे थे। जिन्हें समझाइश देने के बाद अतिक्रमणकारी ग्रामीण मान गए व स्वेच्छा से अतिक्रमण किए जगह से हट गए। 13 आरोपियों/ मुखियाओं को मौके से गिरफ्तार किया गया हैं, जिनको गुरुवार को न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा।
- वरुण जैन, उपनिदेशक, उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व
Published on:
11 Jan 2024 03:39 pm
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