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MP के इस श हर में तीन दिन से नहीं आया पानी, हलाली से हलाल हो रही नपा

– हर माह तकनीकी खराबी बनती है बाधा

रायसेनAug 19, 2022 / 02:20 pm

दीपेश तिवारी

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रायसेन@प्रवीण श्रीवास्तव

हलाली बांध से शहर की प्यास बुझाने वाली मुख्यमंत्री जल आवर्धन हलाली परियोजना नगर पालिका को हलाल कर रही है। एक ओर जहां यह योजना नगर पालिका की आर्थिक कमर को तोड़ रही है, वहीं शहर के लोगों को आए दिन पानी नहीं मिलने से परेशानी उठानी पड़ रही। कभी बारिश तो कभी तकनीकी खराबी इस योजना के नियमित संचालन में बाधा बन रही है।

गर्मियों में तो कई बार शहर को हलाली बांध से पानी नहीं मिला और भीषण गर्मी में लोग पानी के लिए परेशान होते रहे। बमुश्किल डेढ़ माह सुकून से बीता और फिर बीते तीन दिन से हलाली से जल सप्लाई बंद है, इस बार बांध का जल स्तर अधिक बढ़ने से बांध पर बने नपा के सप्लाई केंद्र और डीपी स्टेशन के डूबने के कारण पानी सप्लाई बंद करना पड़ी।

दरअसल इस योजना के निर्माण में भी खामियां हैं। तत्कालीन अधिकारियों की लापरवाही कहें या अदूरदर्शिता, इस योजना के आधारभूत काम ही अब परेशानी का कारण बन रहे हैं। वाटर लिफ्टिंग केंद्र तालाब में नीचाई पर बना है।

बिजली डीपी भी तालाब के नजदीक है। इसे जल स्तर बढ़ने पर बंद करना पड़ता है। हलाली बांध से शहर तक बिछाई गई पाइप लाइन बार-बार क्षतिग्रस्त होती है। इसे सुरक्षित ढंग से नहीं बिछाया गया है। दूसरी ओर जल कर अदा करने में शहर के उपभोक्ताओं की आनाकानी भी इस महत्वपूर्ण योजना के संचालन में नपा को गहरे गड्ढे में उतार रही है।

बहती गंगा में हाथ धोने की तर्ज पर नपा के कर्मचारियों के लिए यह योजना दुधारू गाय साबित हो रही है। हर माह स्टार्टर खराब होना और फिर हजारों रुपए खर्च कर उसे सुधरवाने के अलावा कई अन्य कार्य मोटे बिल वसूली का साधन बन गए हैं।

ऐसे समझें कैसे हलाल हो रही नपा-
खर्च : शहर में जल सप्लाई का प्रतिमाह का खर्च 20 लाख रुपए प्रति माह है। इसमें लगभग 15 लाख रुपए प्रतिमाह तो मात्र बिजली बिल ही आता है। इसके अलावा पांच से छह लाख रुपए महीना जल शुद्धि और मरम्मत के कार्यों पर खर्च होता है।

आवक: वसूली की बात करें तो शहर में आठ हजार नल कनेक्शन हैं, जिनसे 180 रुपए प्रतिमाह प्रति कनेक्शन जल कर के रूप में नपा को वसूलना है। लेकिन तमाम प्रयासों के बाद भी नपा प्रतिमाह औसतन पांच से छह लाख रुपए ही वसूल पाती है।
पूर्ति : बिजली बिल जमा करना नपा के बस से बाहर है। लिहाजा नपा को मिलने वाली चुंगी क्षतिपूर्ति की राशि में कटौती कर सरकार खुद बिजली बिल जमा करती है। बाकी खर्च नगर पालिका अपनी मूलभूत राशि से जैसे तैसे पूरा करती है।
असर : चुंगी क्षतिपूर्ति राशि से बिजली बिल जमा होने का असर नपा के कर्मचारियों के वेतन पर पड़ता है। वर्तमान में नपा के मस्टर कर्मचारियों का पांच माह का वेतन बाकी चल रहा है। बिल पर लगने वाली कंपाउंड पेनाल्टी ही इतनी हो जाती है कि बकाया बिल बढ़ता जाता है। जो वर्तमान में एक करोड़ 80 लाख है।
पानी को परेशान लोग
शहर में बीते तीन दिन से एक बूंद पानी सप्लाई नहीं किया गया है, जिससे लोग परेशान हैं। हलाली से पानी सप्लाई बंद किया गया है, लेकिन नपा ने शहर के नलकूपों से भी पानी सप्लाई नहीं किया, जिससे लोगों में खासी नाराजगी है। नपा के जिम्मेदारों के पास बहानों के आलावा कोई जवाब नहीं हैं।
हलाली का जल स्तर बढ़ने से सप्लाई कक्ष और डीपी को बंद कर दिया था, अब पानी कम हो गया है। आज से सप्लाई शुरू हो जाएगी। यदि शहर के लोग जल कर का नियमित भुगतान करें तो परियोजना के संचालन में कोई दिक्कत नहीं आएगी।
– अभिषेक मालवीय, उपयंत्री एवं जल प्रभारी नपा रायसेन

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