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नर्सों ने खिलाडिय़ों से कहा-हमारी ड्यूटी पूरी हुई, नहीं करना इलाज!

महिला हॉकी खिलाड़ी बीमार होने पर इलाज कराने जिला अस्पताल पहुंचीं। वहीं ड््यूटी पर तैनात दो नर्सों द्वारा इलाज से साफ इंकार कर दिया

रायसेनJul 16, 2018 / 01:59 pm

chandan singh rajput

dentist

खुशखबरी- डेंटिस्ट भी एमबीबीएस की तरह कर सकेंगे इलाज

रायसेन. रविवार की शाम करीब साढ़े चार बजे एक महिला हॉकी खिलाड़ी बीमार होने पर इलाज कराने जिला अस्पताल पहुंचीं। वहीं ड्यूटी पर तैनात दो नर्सों द्वारा न तो हॉकी खिलाड़ी का सही तरीरके से इलाज किया, बल्कि ड्रिप चढ़ाने, इंजेक्शन लगाने से साफ इंकार कर दिया, जब अपनी मां के साथ शाम के समय अस्पताल आई।

नर्सों द्वारा महिला हॉकी खिलाड़ी के इलाज नहीं करने का उनसे कारण पूछा तो वह तपाक से बोलीं शाम साढ़े चार बज चुके हैं। हमारी ड््यूटी का समय खत्म हो गई है। हॉकी खिलाड़ी को समय पर इलाज नहीं मिलने पर नाराज होकर उसने खेल स्टेडियम के खिलाडिय़ों को फोन कर अस्पताल बुलवा लिया।

तब वहां मौके पर पहुंचे करीब 50-60 हॉकी खिलाडिय़ोंं ने नारेबाजी करते हुए नर्सों को सस्पेंड करो, गुंडागर्दी नहीं चलेगी और पुलिस की तानाशाही गुंडागर्दी नहीं चलेगी की जमकर नारेबाजी की। सूचना मिलते ही कोतवाली के प्रभारी टीआई सुरेंद्र नाथ तिवारी पुलिस बल लेकर मौके पर पहुंच गए। मगर हैरत की बात तो यह है कि पूरे ढ़ाई घंटे बाद रात पौने आठ बजे तक ना तो प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे और न ही अस्पताल प्रबंधन के अधिकारी पहुंंचे। रात करीब पौने आठ बजे के बाद तहसीलदार रायसेन दीपक कुमार पांडेय ने नाराज सभी हॉकी खिलाडिय़ों को समझाइश दी।

तहसीलदार पांडेय और पूर्व नपाध्यक्ष राजकुमार यादव ने उक्त महिला हॉकी खिलाड़ी को अस्पताल के फीमेल वार्ड में भर्ती महिला हॉकी खिलाड़ी के हालचाल जानने और उससे बातचीत करने भी पहुंचे।

हाईवोल्टेज हंगामा हाइवे पर दो बार जाम
हॉकी खिलाड़ी जमकर नारेबाजी करते हुए दोषी नर्सों के खिलाफ सस्पेंड कराने की जिद पर अड़े रहे। हॉकी खिलाडी साबर खान, अभिषेक डोंगरे, महिला हॉकी प्लेयर हनी चावला ने बताया कि जब तक स्टाफ नर्सों को निलंबित करने की कार्रवाई नहीं हो जाती तब तक हम हाईवे से नहीं हटेंगी। खिलाड़ी अस्पताल परिसर में लगभग आठ बजे तक डटे रहे।

इस दौरान वज्र वाहन सहित पुलिस मोबाइल सहित भारी मात्रा में पुलिस फोर्स मौके पर पहुंच गया। इस तरह जिला अस्पताल परिसर और हाईवे पर दो बार धरना देकर हॉकी खिलाडिय़ोंं ने गुस्सा जाहिर किया। टीआई तिवारी सहित पुलिस अधिकारियों ने नाराज खिलाडिय़ों को मनाने की कोशिश भी की। मगर सारे प्रयास फेल हो गए।

गायब अधिकारी, फोन भी नहीं उठाते
रविवार अवकाश के दिन ज्यादातर प्रशासनिक अधिकारी जिला मुख्यालय से गायब रहते हैं। तहसीलदार दीपक कुमार पांडेय को जब इस मामले कर सूचना मिली तो वह भोपाल से सीधे जीप से घंटों बाद जिला अस्पताल पहुंचे।

इस मामले की कार्रवाई व जानकारी लेने के लिए जब पत्रिका रिपोर्टर ने कई बार मोबाइल फोन लगाया। पर तहसीलदार दीपक पांडेय ने फोन उठाना मुनासिब नहीं समझा। इतना ही नहीं कलेक्टर एस प्रिया मिश्रा ने भी फोन रिसीव नहीं किया।
हॉकी खिलाड़ी नीतिका चावला से की बदसलूकी
महिला हॉकी खिलाड़ी नीतिका चावला रविवार को सुबह अचानक बीमार पड़ गई। उसे चक्कर आने और पेटदर्द की शिकायत होने पर वह परिजनों के साथ रविवार को सुबह करीब साढ़े १० बजे डॉक्टर से इलाज कराने पहुंची। ओपीडी के एक डॉक्टर ने पर्चे पर इलाज भी लिखा था।
करीब डेढ़ घंटे बाद ड्रिप व इंजेक्शन लगवाने के बाद वह घर चली गई। रविवार की शाम करीब साढ़े चार बजे दोबारा से उसे वहीं शिकायत होने लगी तो वह अपनी मां को लेकर जिला अस्पताल इलाज कराने पहुंची। पर्चा में चिकित्सक ने ड्रिप व इंजेक्शन आदि लिखे थे। जब उस महिला हॉकी खिलाड़ी ने दो नर्सों से इंजेक्शन लगवाने का आग्रह किया। तो ड््यूटी पर तैनात उन नर्सों ने इलाज नहीं किया, बल्कि ड््यूटी समाप्त होने का बहाना बनाकर उठकर चली गईं। उस हॉकी प्लेयर ने दोबारा से निवेदन किया, तो जाति ***** गालियां देते हुए अभद्रता की। यह सूचना उसे मोबाइल फोन से अपने साथी खिलाडिय़ों को दी।

इसके बाद शाम पौने पांच बजे स्टेडियम के 50-60 छोटे-बड़े हॉकी खिलाड़ी अस्पताल में पहुंचे गए। पहले जिला अस्पताल परिसर बाद में नेशनल हाईवे पर धरना देकर बैठ गए। इस दौरान हॉकी खिलाड़ी नर्सोंं को सस्पेंड कर उनकी गुंडगर्दी दादागिरी अब नहीं चलेगी। पुलिस की दादागिरी तानाशाही नहीं चलेगी के नारे लगाए।

मैंने बीमार महिला हॉकी खिलाड़ी नीतिका चावला से भी बातचीत कर उसकी सेहत की जानकारी हासिल कर ली है। इस मामले की बारीकी से जांच कराई जा रही है। दोषियों को इलाज में लापरवाही बरतने पर बिल्कुल बख्शा नहीं जाएगा चाहे कोई भी हों।
डॉ.यशपाल सिंह बाल्यान, आरएमओ जिला अस्पताल, रायसेन।

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