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रायसेन

घटिया निर्माण और लापरवाही की भेंट चढ़े स्कूलों के प्याऊ

ठेकेदारों को ही मिला लाभ, अधिकारियों ने की अनदेखी

रायसेनMay 26, 2022 / 12:25 am

chandan singh rajput

ठेकेदारों को ही मिला लाभ, अधिकारियों ने की अनदेखी

घटिया निर्माण और लापरवाही की भेंट चढ़े स्कूलों के प्याऊ

सिलवानी. सरकारी स्कूलों में बच्चों को परेशानी ना हो इसलिए सरकार ने प्रत्येक स्कूल में पेयजल व्यवस्था के लिए प्याऊ बनवाए हैं, जिसकी लागत छात्रों की संख्या के अनुसार एक से डेढ़ लाख रुपए तक है। उक्त कार्य शिक्षा विभाग द्वारा पीएचई विभाग के माध्यम से करवाया जा रहा है। इसके लिए निविदाएं भी बुलाई गई थीं। मगर सिलवानी विकासखंड में यह योजना मात्र दिखावा और ठेकेदारों के लिए कमाई का जरिया मात्र बनकर रह गई है। एस्टीमेट के हिसाब से इसमें प्रत्येक प्याऊ पर टीन शेड, टंकी, मोटर, वॉश बेसिन का पक्का शेड सहित नल फिटिंग कार्य भी किया जाना है। मगर ठेकेदार प्याऊ के ऊपर घटिया टीन शेड लगा रहा है। प्याऊ के लिए बनने वॉश बेसिन का स्ट्रक्चर भी घटिया बनाया गया।

कहीं-कहीं तो इसे स्कूल की दीवार का सहारा लेकर बना दिया और ठेकेदार ने अपने रुपए बचा लिए। कहीं पर बिना फाउंडेशन भरे निर्माण किया गया। जहां न तो कालम और बीम नहीं डाले। इस तरह बिन आरसीसी स्ट्रक्चर के शेड और यूनिट का निर्माण किया जा रहा है, जिससे उक्त निर्माण कितना मजबूत और टिकाऊ होगा, इसका अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है। वहीं जिम्मेदार विभाग के उपयंत्री सहित वरिष्ठ अधिकारी कभी यहां आकर निर्माण कार्य की निगरानी करना जरुरी नहीं समझते। पानी की लाइन भी जमीन पर ही बिछा दी गई। लोगों ने बताया कि हमारे गांव के स्कूल में पेयजल के लिए यूनिट बनाई है, मगर काफी घटिया निर्माण है जो अभी से टूटने दरकने लगी है।

-गुणवत्ताहीन काम होने की सूचना मुझे मिली थी, फोटो भी आए थे। इस संबंध में एसडीएम और पीएचई को पत्र से गुणवत्ताहीन कार्य की सूचना दी गई है। साथ ही प्रधान अध्यापकों को भी निर्देशित किया है कि गुणवत्ता पूर्ण कार्य होने पर ही हैंडओवर लें।
-शैलेंद्र यादव, बीआरसी

मुख्य बाजार के बीच शासकीय भूमि अतिक्रमण की चपेट में
बरेली. प्रशासन की अनदेखी के चलते नगर के मुख्य बाजार में व्यवसायिक उपयोग की बेश कीमती शासकीय भूमि पर तेजी के साथ योजनाबद्ध तरीके से पक्का अतिक्रमण हो रहा है। एक और मुख्य बाजार में व्यवसायिक उपयोग की शासकीय भूमि पर लोग तेजी से अतिक्रमण कर व्यवसायिक गतिविधि संचालित कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर नगर परिषद बाजार में शॉपिंग कॉम्प्लेक्स बनाने के प्रस्ताव को ठंडे बस्ते में डालकर अतिक्रमण को बढ़ावा दे रही है। इस स्थान की उपयोगिता का अनुमान इस बात से लगाया जा सकता है की एडीआइएस भवन वाले स्थान के ठीक बगल में नगर परिषद का एक शॉपिंग कॉम्प्लेक्स है। नगर परिषद प्रशासक सहित जिम्मेदार अधिकारियों के संज्ञान में होने के बावजूद प्रशासन उचित करवाई करने से बच रहा है।

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