कहीं-कहीं तो इसे स्कूल की दीवार का सहारा लेकर बना दिया और ठेकेदार ने अपने रुपए बचा लिए। कहीं पर बिना फाउंडेशन भरे निर्माण किया गया। जहां न तो कालम और बीम नहीं डाले। इस तरह बिन आरसीसी स्ट्रक्चर के शेड और यूनिट का निर्माण किया जा रहा है, जिससे उक्त निर्माण कितना मजबूत और टिकाऊ होगा, इसका अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है। वहीं जिम्मेदार विभाग के उपयंत्री सहित वरिष्ठ अधिकारी कभी यहां आकर निर्माण कार्य की निगरानी करना जरुरी नहीं समझते। पानी की लाइन भी जमीन पर ही बिछा दी गई। लोगों ने बताया कि हमारे गांव के स्कूल में पेयजल के लिए यूनिट बनाई है, मगर काफी घटिया निर्माण है जो अभी से टूटने दरकने लगी है।
-शैलेंद्र यादव, बीआरसी
मुख्य बाजार के बीच शासकीय भूमि अतिक्रमण की चपेट में
बरेली. प्रशासन की अनदेखी के चलते नगर के मुख्य बाजार में व्यवसायिक उपयोग की बेश कीमती शासकीय भूमि पर तेजी के साथ योजनाबद्ध तरीके से पक्का अतिक्रमण हो रहा है। एक और मुख्य बाजार में व्यवसायिक उपयोग की शासकीय भूमि पर लोग तेजी से अतिक्रमण कर व्यवसायिक गतिविधि संचालित कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर नगर परिषद बाजार में शॉपिंग कॉम्प्लेक्स बनाने के प्रस्ताव को ठंडे बस्ते में डालकर अतिक्रमण को बढ़ावा दे रही है। इस स्थान की उपयोगिता का अनुमान इस बात से लगाया जा सकता है की एडीआइएस भवन वाले स्थान के ठीक बगल में नगर परिषद का एक शॉपिंग कॉम्प्लेक्स है। नगर परिषद प्रशासक सहित जिम्मेदार अधिकारियों के संज्ञान में होने के बावजूद प्रशासन उचित करवाई करने से बच रहा है।