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राशन दुकानों की पीओएस मशीनें दस महीनों से नहीं हुई अपडेट

केरोसिन की कीमत को लेकर हर दिन हो रहे विवाद, पीओएस मशीनों को अक्टूबर माह 2016 में होना था अपडेट, अपडेट के अभाव में मशीनें हैंग हो रहीं,गरीबों को राशन के लिए होना पड़ रहा परेशान

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veerendra singh

Jul 22, 2017

Raisen

Raisen


रायसेन.
जिले की 544 राशन दुकानों की पीओएस मशीनों का दस महीनों से ज्यादा समय गुजर जाने के बावजूद उन्हें अपडेट नहीं किया गया है। इस वजह से राशन दुकानों की पीओएस मशीनों के सर्वर डाउन रहने आर हैंग मारने की समस्या बनीं हुई है। ऐसी स्थिति में गरीबों का राशन, केरोसिन मशीनों में अटक कर रह जाता है। जिससे पीडीएस दुकानों से गरीब पात्र हितग्राहियों को उदास मन से बैरंग घर लौटने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।

इस मामले की शिकायतें जनसुनवाई में कलेक्टर भावना वालिम्बे सहित फूड अधिकारियों को कई बार की जा चुकी है। बावजूद इसके इन मशीनों के अपडेशन नहीं कराया जा रहा है। पीओएस मशीनों की गति को लेकर राशन दुकानों के सैल्समेन भी अपनी समस्या जिम्मेदार अधिकारियों को बता चुके हैं। लेकिन अधिकारी सिर्फ एक इंजीनियर का बहाना बनाकर इस मामले को टाल देते हैं।

पीओएस मशीनों को लेकर आए दिन विवाद का कारण बन रही है। जबकि यह काम अक्टूबर 2016 में हर हाल मे हो जाना चाहिए था। लेकिन विभागीय अधिकारियों की टालमटोल रवैये की वजह से यह महत्वपूर्ण काम अटका हुआ है। इस छोटी से चूक की वजह से सैल्समेन और उपभोक्ताओं में आए दिन विवाद की स्थिति निर्मित हो रही है। कारण भी साफ है जब उपभोक्ता राशन दुकानों से केरोसिन लेते हैं तो पीओएस मशीनों से 16 रुपए प्रति लीटर की हिसाब की पर्ची निकलती है। जबकि केरोसिन के सरकारी रेट 22 रुपए लीटर निर्धारित हैं। राशन दुकानों के सैल्समेन जब उपभोक्ताओं से 22 रुपए की मांग करता है तो वे पर्ची दिखा देते हैं। नवागत जिला खाद्य अधिकारी पीआर कौशल खुद यह बात स्वीकार करते हैं तो यह सच है कि पीओएस मशीनों का अभी तक अपडेशन कार्य नहीं हो सका है। इससे कुछ नहीं होता है। उपभोक्ता स्वयं जागरुक हैं। उसे रेट की पूरी जानकारी होती है।

जिले की सहकारी उचित मूल्य की राशन दुकानों को हाईटैक कर दिया गया है। लेकिन सच्चाई तो यह है कि हर दिन पीओएस मशीनें खराब हो रही हैं। उन्हें ठीक कराने के लिए आए दिन सैल्समेन संबंधित ऑफिसों के चक्कर लगा रहे हैं। शहरी व ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में बीपीएल के साथ अन्य सभी योजनाओं में मिलने वाला राशन, घासलेट तेल पीओएस पाइंट ऑफ रोल मशीनों से बांटा जा रहा है। दरअसल इस हाईटैक योजना को जिला खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के अफसरों द्वारा सार्वजनिक राशन वितरण प्रणाली पीडीएस में होने वाले फर्जीवाड़े को रोकने के लिए शुरु की गई है। लेकिन यहां उल्टा साबित हो रहा है। यह मशीनें ही गलत जानकारी दे रही हैं। पीओएस सिस्टम लागू होने के बाद सहकारी उचित मूल्य की राशन दुकान का विवरण ऑनलाइन है। स्टॉक रजिस्टर और बेची गई सामग्री का ब्यौरा भी अब ऑनलाइन है। बावजूद इसके इन पीओएस मशीनों का अपडेशन काम समय पर नहीं कराया गया है।

पत्रिका टीम ने शनिवार को सुबह जब कुछ राशन दुकानों का भ्रमण कर स्थिति का जायजा लिया तो अधिकांश जगहों पर पीडीएस मशीनें या तो हैंग मारती दिखाई दीं। या फिर सर्वर डाउन होने से सैल्समेन व उपभोक्ता दोनों परेशान नजर आए। सैल्समेन मुईन उल्लाह, नारायण सिंह कुशवाहा बम्हौरी, गुलशेर खां, उमेश पंड््या ने बताया कि पीओएस मशीनें अपडेट न होने से परेशान करती हैं। इसके अलावा सर्वर डाउन होने व हैंग मारने की समस्या से भी तंग आ चुके हैं। इन मशीनों का अपडेशन होना बेहद जरुरी है। जिले की 544 राशन दुकानों में इतनी ही पीओएस मशीनें लगी हुई हैं। मशीनों से कई बार गलत पर्चियां निकलने से उपभोक्ताओं व सैल्समेनों के बीच भ्रम व विवाद की स्थिति बनती है। सैल्समेनों का कहना है कि केरोसिन के दामों में भी उतार चढ़ाव बना रहता है। इस हिसाब से पीओएस मशीनों का अपडेशन होना चाहिए।

मशीन ऑनलाइन, ऑफ लाइन दोनों सिस्टम पर काम करती हैं। ऑनलाइन सेटअप में पात्र परिवार, सामग्री की पात्रता और वितरण संबंधी जानकारी सर्वर में दर्ज हैं। परिवार के सामग्री लेनदेन का ब्यौरा ऑनलाइन है। इसलिए शासन के आदेश पर प्रत्येक राशन से जुड़े उपभोक्ताओं के आधार कार्ड लिंक कराने का काम चल रहा है। जिन पात्र हितग्राही परिवारों के डाटा बेस में आधार कार्ड नंबर हैं वे सभी अपनी पात्रता के अनुसार राशन दुकानों से सामग्री खरीद सकते हैं। जिनके राशन कार्ड आधार कार्ड से लिंक नहीं होंगे उनको 31 जुलाई के बाद राशन नहीं दिया जाएगा।

बीपीएल अंत्योदय और अन्य सभी श्रेणियों में पात्र परिवारों को पीडीएस का राशन पीओएस मशीनों से दिया जाता है। हर अंत्योदय परिवार को माह में 35 किलोग्राम अनाज मक्का मिलती है। बाकी के लिए सीमा पांच किलो प्रति सदस्य है। प्रति परिवार एक किलो शकर भी दी जाती है, लेकिन अब गरीबों को नहीं दी जा रही है। इतना ही नमक दिया जाता है। पीडीएस गेहूं व चावल के दाम एक रुपए किलो है।

पीडीएस दुकानों की मशीनों का समय पर अपडेशन हो जाना चाहिए था। सर्वर डाउन होने हैंग होने से गरीबों को राशन नहीं मिल रहा है। ऐसी अव्यवस्था से उपभोक्ता बेरंग घर लौट जाते हैं। -रामकृपाल रैकवार, उपभोक्ता

हम यहां तीन घंटे से कतार में खड़े हैं, लेकिन मशीन सही नहीं चल रही है। इस कारण उन्हें राशन नहीं मिल सका है। जिम्मेदारों को इस तरफ गंभीरता से ध्यान देना चाहिए। -भरोसी बाई अहिरवार, गृहणी

मैंने यहां पर अभी ज्वाइन किया है। इसलिए यहां का कामकाज समझने में थोड़ा समय लगेगा। पीओएस मशीनों का अपडेशन कार्य जल्द करवा लिया जाएगा। उपभोक्ता अपने आधार कार्ड लिंक जरुर करवा लें तो बेहतर होगा। - पीआर कौशल, जिला फूड अधिकारी रायसेन