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25 साल की कानूनी लड़ाई के बाद जीता दिव्यांग, कोर्ट ने दिया 42 लाख मुआवजा देने के आदेश

locationराजगढ़Published: Apr 09, 2021 06:35:00 pm

Submitted by:

Shailendra Sharma

न्याय की जंग जीता दिव्यांग, कोर्ट ने शासन व स्वास्थ्य विभाग को दिए दिव्यांग को 42 लाख रुपए मुआवजा देने के आदेश..वाहनों की भी हुई जब्ती..

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राजगढ़. कहते हैं कि कोर्ट कचहरी के चक्कर में जिंदगी गुजर जाती है। ऐसा ही एक मामला मध्यप्रदेश के राजगढ़ में सामने आया है, यहां 25 साल के लंबे इंतजार के बाद ही सही लेकिन एक शख्स को इंसाफ मिला। 25 साल से कानूनी लड़ाई लड़ने वाला शख्स दिव्यांग है जिसे कोर्ट ने मुआवजे के तौर पर 42 लाख रुपए देने का आदेश शासन व स्वास्थ्य विभाग को दिया है। इतना ही नहीं पीड़ित दिव्यांग को मुआवजा देने के लिए इतनी राशि की संपत्ति राजगढ़ स्वास्थ्य विभाग की संपत्ति से कुर्क की जाएगी। आदेश के बाद राजगढ़ स्वास्थ्य विभाग के तीन वाहन जब्त कर कोर्ट में खड़े कर दिए गए हैं।

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25 साल लंबी कानूनी लड़ाई
राजगढ़ जिले के ओढ़पुर गांव के रहने वाले दिव्यांग देवीलाल वो शख्स हैं जिन्हें 25 साल की लंबी कानूनी लड़ाई के बाद न्याय मिला है। देवीलाल जब तीन साल के थे तब 1996 में स्वास्थ्य विभाग की ओर से उन्हें पोलियो की दवा पिलाई गई थी लेकिन इसके बाद भी उन्हें पोलियो हो गया और वो दिव्यांग हो गए। दिव्यांग देवीलाल के पिता भागीरथ बताते हैं कि जिस वक्त देवीलाल को पोलियो की दवा पिलाई गई वो और उनकी पत्नी काम पर गए हुए थे और घर में मौजूद उनके माता-पिता यानि कि देवीलाल के दादा-दादी ने ही पोलियो की दवा पिलाई थी लेकिन दवा पिलाए जाने के दूसरे दिन से ही देवीलाल ने चलना बंद कर दिया था। जिसके बाद उन्होंने कोर्ट में केस लगाया। तब बच्चे को 25 हजार रुपए देने का आदेश कोर्ट ने दिया था लेकिन फिर हाईकोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट तक मामले की सुनवाई हुई।

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पहले जिला कोर्ट, फिर हाईकोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई
दिव्यांग देवीलाल बताते हैं कि जिला कोर्ट की ओर से 25 हजार रुपए मुआवजा देने के आदेश को शासन ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी जहां से भी साल 2017 में उनके पक्ष में फैसला आया। हाईकोर्ट ने ब्याज सहित मुआवजा देने के आदेश शासन को दिए।लेकिन इसके बाद शासन ने जिला कोर्ट और हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल की। सुप्रीम कोर्ट ने दोनों निचली अदालतों के फैसले को सही मानते हुए शासन की अर्जी निरस्त कर दी लेकिन उसके बाद से अभी तक देवीलाल को दिए जाने वाले मुआवजे की फाइल सरकारी दफ्तरों में दबी रही।

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कोर्ट के आदेश के बाद जब्त हुए वाहन
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी जब दिव्यांग देवीलाल को दिए जाने वाले मुआवजे के लिए शासन की ओर से प्रयास नहीं किए गए तो उनके वकील ने फिर से कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और कोर्ट से अपील करते हुए देवीलाल के लिए 42 लाख रुपए मुआवजे की मांग की। इसी के बाद अब कोर्ट के आदेश से स्वास्थ्य विभाग और शासन के तीन वाहनों को जब्त किया गया है और उनकी कुर्की की कार्रवाई की जाएगी। कोर्ट के आदेश के बाद राजगढ़ स्वास्थ्य विभाग की एक टाटा सूमो, एक टोयोटा क्वालिस व एक पिकअप वाहन जब्त कर लिया गया है।

देखें वीडियो- सनकी एसडीओ का खूनी खेल

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