ट्रेनों में बड़ी संख्या में सफर करने वाले यात्रियों को एक साथ नियम का पालन कराना भी बड़ी बात होती है। पहली और दूसरी लहर के भयावह दौर में भी ट्रेनें रद्द करना ही एक मात्र विकल्प रह गया था। हालांकि यह संकेत दिया जा रहा है कि धीरे-धीरे ही सही, लेकिन देश में कोरोना की चौथी लहर एक बार फिर से तैयारी की ओर है। ऐसे में अभी से तैयारी करने की यहां जरूरत लग रही है। यात्री अपनी सहूलियत के हिसाब से सफर कर भी रहे हैं और बड़ी संख्या में ट्रेनें इन दिनों फुल है। ट्रेनों में भीड़ को नियंत्रित करने के लिए सामान्य श्रेणी के टिकट बंद किए जा सकते हैं।
सख्ती जरूरी है
तमाम प्रकार की पाबंदियां हटने के बाद रेलवे ने सख्ती इसलिए कम नहीं की थी कि इसमें असीमित मात्रा में यात्री सफर करते हैं। इनमें न लोगों को अनिवार्य रूप से मॉस्क लगवाया जा सकता न ही सभी से दूरियां रखने का पालन कराया जा सकता। ऐसी स्थिति में कोरोना अनुकूल व्यवहार भी ट्रेनों में नहीं हो पाता और सर्वाधिक खतरा कम्यूनिटी स्प्रेड का रहता है। इसी कारण ट्रेनों में फिर से सख्ती बरतना सामान्य स्थिति में ही शुरू कर दिया गया है।
सख्ती की गई है
अभी मास्क की अनिवार्यता की गई है। जनरल टिकट का समय जून में पूरा हो रहा है। इसके बाद ही लोकल टिकट सभी गाड़ियों में चालू करने का है बशर्ते सभी सामान्य स्थितियां रहें। हालांकि अभी कोई रद्द करने का नहीं है।
-सुबेदार सिंह, सीनियर पीआरओ, रेल मंडल, भोपाल
मध्यप्रदेश में आए कुल 40 मामले
इधर, प्रदेश पिछले 24 घंटों में कोरोना के 40 मामले आए हैं। प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्र ने कोरोना का अपडेट जारी किया। उन्होंने बताया कि प्रदेश में पिछले 24 घंटों में संक्रमण के 40 नए केस आए हैं, वहीं 29 मरीज ठीक हुए हैं। वर्तमान में प्रदेश में कुल एक्टिव केस 230, संक्रमण दर 0.50% और रिकवरी रेट 98.70% है।