उनमें से 31,990 किसान ही उपज लेकर खरीदी केंद्रों में पहुंचे। 20 मई तक हुई गेहूं की खरीदी में जिलेभर में डेढ़ लाख मैट्रिक टन से अधिक की खरीदी भी गेहूं की गई, लेकिन माना जा रहा है कि किसानों ने बड़ी मात्रा में गेहूं मार्केट में भी बेचे हैं।
बता दें कि जिस गेहूं के भाव योजना अवधि के पहले १०००-१२०० तक सिमट गए थे अब योजना के बाद समर्थन मूल्य के बराबर ही उनका भाव हो गया है। बड़ा लक्ष्य : चना, सरसों, मसूर खरीदी नौ तक
इधर, नौ जून तक होने वाली चना, सरसों और मसूर की खरीदी को लेकर भी प्रशासन के समक्ष बड़ा लक्ष्य है। बड़ी संख्या में किसान अभी भी उपज बेचने से वंचित है। शुरुआत में टोकन सिस्टम में अपनी बारी के इंतजार में किसान परेशान होते रहे।
बाद में सुविधाओं के अभाव में और स्टॉक, परिवहन की दिक्कत के कारण तुलाई में परेशानी आई। अब प्रशासन ने सारा काम बंद कर मंडियों, केंद्रों पर तुलाई, खरीददारी का काम शुरू करवाया है। फिर भी इसी समयावधि में सभी किसानों की उपज तुल पाना मुश्किल लग रहा है। ऊपर से मौसम की मार और यदि बारिश हो गईतो भी दिक्कत है।
आखिरी में याद आई खरीदी केंद्रों पर सुविधा
खरीदी केंद्रों पर लगभग काम पूरा होने की कगार पर आने के बाद शासन को किसानों की सुविधाओं की याद आई। मुख्य सचिव के निर्देशों के बाद किसानों के लिए पानी और छांव की व्यवस्था प्रशासनिक स्तर पर की गई।
कृषि और सहकारिता विभाग के अफसरों की मौजूदगी में वीडियोग्रॉफी के बीच खरीददारी की योजना बनाई गई। खास बात यह है कि आधे से अधिक किसानों की उपज खरीदी जा चुकी है और काम भी लगभग पूरा होने वाला है और ऐसे ही समय में दिए गए निर्देश औपचारिक लग रहे हैं।
आज से तीन दिन बंद रहेगी मंडी, उपार्जन केंद्र खुलेंगे
ब्यावरा.उपार्जन केंद्रों पर किसानों की संख्या बढऩे और आखिरी तारीख नजदीक होने से ब्यावरा कृषि उपज मंडी में सोमवार के साथ ही मंगलवार और बुधवार को भी खरीददारी बंद रहेगी।
उपार्जन केंद्र खुला रहेगा लेकिन आम तौर पर होने वाली खरीदी मंडी में नहीं हो पाएगी। मंडी सचिव आरके रावत ने बताया कि मंडी में स्थापित किए गए उपार्जन केंद्र पर पहुंचने वाले किसानों की सुविधा को देखते हुए पूरे समय मंडी में समर्थन मूल्य की खरीदी ही होगी। अब बुधवार के बाद मंडी खुलने के बारे में निर्णय लिया जाएगा।
फैक्ट-फाइल
-५०७८५ किसानों को किए थे मैसेज।
-३१९९० किसान ही आ पाए।
-एक लाख ५० हजार ३०० मैट्रिक टन कुल गेहूं की खरीदी।
(नॉन से प्राप्त जानकारी के अनुसार) हमने सभी किसानों को मैसेज किए थे, अधिक से अधिक खरीदी भी की है। करीब 31९९० किसानों ने अपनी उपज बेची भी है। कुछ किसानों ने मार्केट में भाव अच्छे मिल जाने से भी बाद में नहीं आए।
-बीएम गुप्ता, जिला प्रबंधक, नॉन, राजगढ़