बिना किसी संगठन, संस्था, पार्टी के बैनर तले निष्पक्ष तौर पर गौ-संरक्षण के लिएशहर के तमाम वर्ग के लोग इसमें शामिल हुए। इसमें बारी-बारी से सभी ने प्रशासन को आड़े हाथों लिया वहीं, जिन्होंने गायों को इस हाल में छोड़ा है उन गौ पालकों को भी कोसा।
दोपहर 12 से एकत्रित हुएयुवाओं ने खूब नारेबाजी की। इस दौरान युवाओं ने रैली भी निकाली और प्रशासन को कोसा। गौ-सेवक पहले कलेक्टर को ज्ञापन देने के लिएअड़े रहे बाद में पहुंचे एसडीएम ने उन्हें जैसे-तैसे समझाया।
गौ सेवकों ने आरोप लगाया कि सप्ताहभर पहले सूचित किए जाने के बावजूद कोई स्थायी हल नहीं निकाला गया, रोजाना गायों की मृत्यु होती रही। गौ सेवकों ने आरोप लगाया कि शासन-प्रशासन ने तमाम प्रकार के दावे गायों की सुरक्षा के लिएकिएलेकिन कोई समाधान नहीं हुआ।
हाइवे अथोरिटी द्वारा 1033 इमरजेंसी गाड़ी की व्यवस्था की गईहै लेकिन वह भी कॉल करने के बाद भी समय पर नहीं पहुंचती। गांव के लोग निजी स्वार्थ में शहर छोड़ रहे गाय
प्रदर्शन कर रहे लोगों ने आरोप लगाया कि गांव में पहले गायों को प्राथमिकता से रखा जाता था लेकिन वे लोग अब अपने निजी स्वार्थ के चलते फसलें बचाने गायों को शहर में दर-दर भटकने के लिए छोड़ जाते हैं।
इस बात पर संबंधित ग्राम पंचायत के सरपंच, सचिव और जीआरएस सहित अन्य भी ध्यान नहीं दे पाते। ऐसी व्यवस्था प्रशासनिक स्तर पर की जाए कि गांव में जिनकी गाय है उन्हें ही वे सौंपी जाएऔर गांव से शहर और सड़क की ओर वे न निकल पाए। कलेक्टर, एसडीएमऔर जिला पंचायत सीईओ इसकी व्यवस्था करे।
15 दिन में गौ शाला के लिए चिह्नित करेंगे जगह
मौके पर पहुंचे एसडीएम प्रदर्शन कर रहे गौ सेवकों, शहर के प्रबुद्धजनों से कहा कि आप लोग भरोसा रखें। गायों की सुरक्षा हमारी भी जिमेदारी है। इसके लिएआगामी 15 दिन में गौ शाला के लिए जगह सुनश्चित कर चिह्नित की जाएगी।
गौ सेवकों ने यह चेतावनी दी है कि यदि किसी भी कारणअब गायों की मौत होती है तो उग्र आंदोलन किया जाएगा। प्रशासन कैसे भी कर ऐसी व्यवस्था बनाएं जिससे गायों को सुरक्षा मिले। इस दौरान शहर के तमाम गौ भक्तमौजूद रहे।उन्होंने सुनिश्चित किया कि हमें कोई नाम वगैहर अखबार में नही छपवाना, हमारी सेवा नि:स्वार्थहै।