scriptलॉकडाउन का भय, महाराष्ट्र, गुजरात में कमाने-खाने गए छत्तीसगढ़ के प्रवासी श्रमिकों का पलायन शुरू, ट्रेनों से आ रहे हजारों मजदूर | Migrant workers are returning to Chhattisgarh for fear of lockdown | Patrika News
राजनंदगांव

लॉकडाउन का भय, महाराष्ट्र, गुजरात में कमाने-खाने गए छत्तीसगढ़ के प्रवासी श्रमिकों का पलायन शुरू, ट्रेनों से आ रहे हजारों मजदूर

मजदूर अब घर वापसी भी कर रहे हैं। Rajnandgaon जिले से रोजी-रोटी की तलाश में महाराष्ट्र, गुजरात और आंध्रप्रदेश गए मजदूर वापस लौट रहे हैं। (Migrant laborer in chhattisgarh)
 

राजनंदगांवApr 14, 2021 / 11:51 am

Dakshi Sahu

लॉकडाउन का भय, महाराष्ट्र, गुजरात में कमाने-खाने गए छत्तीसगढ़ के प्रवासी श्रमिकों का पलायन शुरू, ट्रेनों से आ रहे हजारों मजदूर

लॉकडाउन का भय, महाराष्ट्र, गुजरात में कमाने-खाने गए छत्तीसगढ़ के प्रवासी श्रमिकों का पलायन शुरू, ट्रेनों से आ रहे हजारों मजदूर

राजनांदगांव. देशभर के विभिन्न राज्यों में covid-19 संक्रमण के बढऩे की वजह से प्रवासी मजदूर Train बंद होने के भय से घर वापसी करने लगे हैं। बीते वर्ष कोरोना की वजह से देश के विभिन्न राज्यों में रोजी-रोटी की तलाश में गए मजदूरों को पैदल ही सैकड़ों किलोमीटर का सफर तय कर घर वापसी करनी पड़ी थी। ऐसे में एक बार फिर देश के विभिन्न राज्यों में पैर पसार चुके कोरोना से ट्रेनों के बंद होने का भय प्रवासी मजदूरों(Migrant laborer) को सताने लगा है और मजदूर अब घर वापसी भी कर रहे हैं। राजनांदगांव जिले से रोजी-रोटी की तलाश में महाराष्ट्र, गुजरात और आंध्रप्रदेश गए मजदूर वापस लौट रहे हैं। इन मजदूरों का कहना है कि कोरोना की वजह से लॉकडाउन (coronavirus lockdown) की स्थिति निर्मित हुई है। उनका काम भी ठीक से नहीं चल रहा है। वहीं ट्रेनों को अचानक बंदना कर दिया न जाए इसलिए वे अपने घर लौट रहे हैं।
30 से 40 किमी. पैदल चलना पड़ रहा
छत्तीसगढ़ के पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र में कोरोना की वजह से अधिकांश जिलों में लॉकडाउन की स्थिति निर्मित है। जहां रोजी-रोटी की तलाश में गए छत्तीसगढ़ के मजदूरों को लॉकडाउन की वजह से काम नहीं मिल रहा है। ऐसे में उनके सामने खाने पीने की दिक्कत भी दिखाई दे रही है। जिसके चलते मजदूर अब अपने घर लौटने लगे हैं। गुजरात, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश से छत्तीसगढ़ आने के लिए इन प्रवासी मजदूरों को रेल सुविधा तो मिल रही है, लेकिन छत्तीसगढ़ पहुंचने के बाद बसों के बंद होने के चलते इन मजदूरों को अपने गांव तक पैदल चलना पड़ रहा है। राजनांदगांव जिले में पहुंचे प्रवासी मजदूर लगभग 30-40 किलोमीटर पैदल सफर तय कर अपने गांवों तक पहुंच रहे हैं।
ट्रेन से आने वालों को नेगेटिव रिपोर्ट जरुरी
देशभर के विभिन्न राज्यों में फैले कोरोना संक्रमण को देखते हुए राजनांदगांव रेलवे स्टेशन में रेल यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए 72 घंटे के भीतर का कोरोना नेगेटिव रिपोर्ट अनिवार्य किया गया है। वहीं स्टेशन परिसर में भी कोरोना जांच की शुरुआत की गई है। कोरोना संक्रमण के बीच किए गए लॉकडाउन के चलते बस अभी बंद हैं, वहीं लोग अब रेल यात्रा कर रहे हैं। ऐसे में एक राज्य से दूसरे राज्य आने जाने वाले रेल यात्रियों से कोरोना वायरस के फैलने का खतरा है। जिसे देखते हुए स्थानीय रेलवे प्रशासन के सहयोग से राजनांदगांव रेलवे स्टेशन में पंजीयन केंद्र बनाया गया है। जहां अन्य राज्यों से रेल यात्रा का लौटने वाले रेल यात्रियों और उनके गंतव्य की जानकारी ली जा रही है।
कर रहे क्वारंटाइन
रेल यात्रा करने वाले यात्रियों को 72 घंटे के भीतर का आरटी-पीसीआर कोरोना नेगेटिव रिपोर्ट दिखाने पर ही प्रवेश दिया जा रहा है। जिन यात्रियों के पास कोरोना जांच रिपोर्ट नहीं है उनकी जांच रेलवे स्टेशन परिसर में ही की जा रही है और जांच रिपोर्ट आने तक उन्हें होम क्वारंटाइन भी किया जा रहा है। राजनांदगांव रेलवे स्टेशन मास्टर आरके बर्मन का कहना है कि जिनके पास कोरोना रिपोर्ट नहीं है उन्हें क्वारंटाइन किया जा रहा है। वहीं नगर निगम के सहायक अभियंता संजय ठाकुर ने कहा कि रेलवे स्टेशन परिसर में बेरिकेटिंग किया गया है ताकि रेल यात्री का पंजीयन किया जा सके।

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