्रदो दिन पहले 25 मार्च को एटापल्ली तालुका के अंतर्गत पोमके कोटमी इलाके के मेढ़ारी जंगल में सी 60 और पोमके कोटमी पुलिस नियमित गश्त पर लगी थी। इस दौरान जंगल में पहले से मौजूद माओवादियों ने फोर्स पर हमला बोल दिया था। फोर्स ने भी मोर्चा संभाला था और दोनों ओर से काफी देर तक गोलीबारी होती रही। इसके बाद माओवादी जंगल का फायदा उठाकर भाग गए थे।
जंगल में सर्च के दौरान पुलिस को एक महिला माओवादी का शव मिला था। इस शव की उस वक्त शिनाख्त नहीं हो पाई थी। हालांकि पुलिस ने महिला के पास से मिले बंदूक और उसकी वर्दी के आधार पर उसे हार्डकोर माओवादी माना था।
मुठभेड़ के बाद जंगल में पुलिस ने महिला माओवादी के शव के साथ बंदूक के अलावा बड़ी तादाद में बम बनाने का सामान बरामद किया था। पुलिस के अनुसार माओवादी फोर्स को नुकसान पहुंचाने के लिए जंगल में बम बनाने के लिए जुटे थे लेकिन फोर्स के गश्त पर होने के चलते उनके मंसूबों पर पानी फिर गया था।
पुलिस ने मुठभेड़ के बाद दावा किया था कि गोलीबारी में और भी माओवादियों को गोली लगी होगी। सर्च के दौरान जंगल में खून के धब्बों के आधार पर पुलिस ने ऐसा अनुमान लगाया था। इस अनुमान के आधार पर पुलिस ने आसपास के इलाकों में लगातार अस्पतालों और निजी चिकित्सकों के पास इलाज के लिए जाने की संभावना के मद्देनजर तहकीकात की थी, लेकिन इससे कुछ खास हासिल नहीं हुआ है।