वन परिक्षेत्र अधिकारी गंडई एचएन ठाकुर ने बताया की खैरागढ़ वन मण्डल के अंतर्गत गंडई रेंज मे ठाकुरटोला बीच के कक्ष क्रमांक 105 में वाहन क्रमांक सीजी 08 एल 0967 में अवैध रूप से सागौन लकड़ी परिवहन किया जा रहा था। दो नग सागौन के बड़े गोले पकड़े गए। जिस लकड़ी मे एक की गोलाई 100 सेंटीमीटर 2 मीटर लंबा दूसरे का 240 और 76 सेंटीमीटर गोलाई जिसमे कुल 0.211 घन मीटर लकड़ी जब्त किया है। इस प्रकरण में अवैध कटाई और अवैध परिवहन की धारा लगी हुई है। जंगल के अंदर रात को जाना भी एक प्रकार का जुर्म है।
लकड़ी तस्कर हो रहे सक्रिय सूत्र बताते है कि उक्त सागौन माफिया लंबे समय से इस अवैध कटाई कार्य मे सक्रिय है। सबसे कीमती पेड़ों में शुमार सागौन की छत्तीसगढ़ में अंधाधुंध कटाई हो रही है। जंगलों में माफिया खुलेआम सागौन के पेड़ काट रहे हैं, ऐसे में वन अफसरों की भूमिका संदेह के घेरे में है। वन माफिया जहां सागौन के जंगल साफ कर रहे हैं, वहीं पेड़ काटने के बाद जंगल की जमीन पर अतिक्रमण भी करवा रहे हैं। विगत कुछ दिनों से वन विभाग लकड़ी चोरों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई कर सफलता हासिल की है। इसके बाद भी लकड़ी तस्कर फिर सक्रिय हो गए हैं।
विभाग भी इस तरह की तस्करी को रोकने असमर्थ है वन प्रहरी व अफसरों की आंख में धूल झोंककर जंगलों को सफाया कर रहे हैं। जंगल के अंतर्गत आने वाले ग्रामों में निवास करने वाले ग्रामीणों के बिना सहयोग के यहां से सागौन की कटाई करना नामुमकिन है। वहीं जंगलो के अंधाधुंध कटाई के चलते जंगल की सफाई हो रही है। खास बात यह है कि यह जंगल वन्य प्राणियों के लिए संरक्षित क्षेत्र है। लेकिन लगातार वनों की कटाई से वन्य प्राणियों का जीवन भी असुरक्षित है। इसके बावजूद वन विभाग इस तरह चल रहे तस्करी को रोक नहीं पा रहा। जहां पर ग्रामीणों द्वारा सागौन की बल्लियों को काटकर खुलेआम पिकअप, ट्रेक्टरों जैसे गाडिय़ों मे भरकर जंगल से घर ले जा रहे हैं। अन्य पेड़ों की भी कटाई करके जंगल में छोड़ देते हैं।