उन्होंने कहा कि कन्टेनमेंट एरिया में किस तरह घर-घर सर्वे करना है, टीमों के पास पर्याप्त पर्सनल इक्यूपमेंट की उपलब्धता, आपके पास उपलब्ध मेन पॉवर का व्यवस्थित उपयोग, उनके मोबाईल नम्बर, तीन दिन में पूरे कन्टेनमेंट एवं बफर एरिया का सर्वे पूर्ण करना तथा सर्वे का सुव्यवस्थित रिपोर्टिंग तथा प्रतिदिन समीक्षा, उस क्षेत्र में आपातकालीन चिकित्सकीय परिवहन एवं अन्य परिवहन के साधनों का चिह्नीकरण होना आवश्यक है। बैठक को चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग जोन उदयपुर के संयुक्त निदेशक डॉ जुल्फीकार काजी ने भी संबोधित किया। डॉ चौधरी ने बताया कि कन्टेनमेंट माईक्रो प्लान को काफी सुव्यवस्थित एवं सटीक बनाएं जिससे सही समय पर सही कार्यवाही की जा सके तथा कोई चूक नहीं हो। सेवाओं के लिए सही व्यक्ति उपलब्ध हो तथा संचार में कोई समस्या नहीं हो। उन्होंने कहा कि एम्बूलेंस के वाहन चालकों की समयानुसार उपलब्धता तथा उनके मोबाइल नम्बर, चिकित्सा अधिकारियों एवं स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के मोबाइल नम्बर के साथ ही उनके अन्य घर या सदस्य के मोबाइल नम्बर ये सब छोटी – छोटी बातें हैं लेकिन जरूरी हंै। उन्होंने कहा कि हम भी अपने स्तर पर भरसक प्रयास कर रहें हैं कि कन्टेंनमेंट एरिया में यदि कोई टीम सर्वे कर रही है तो उनके पानी तथा थोड़े रिफ्रेसमेंट की व्यवस्था को भी प्लान में समेकित कर सके, जिससें दिनभर सर्वे कार्य करने के दौरान ऐसे समय में जब दुकाने बंद हैं उनको किसी प्रकार की कोई समस्या नहीं हो। डॉ. चौधरी ने सभी खंड मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे सभी चिकित्सा अधिकारियों एवं स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को सजग रहने, कन्टेंनमेंट एरिया में कार्य करने के लिए क्या करना तथा क्या नहीं करना है, इसके लिए प्रशिक्षित करें। बैठक में सीएमएचओ डॉ जेपी बुनकर, डीप्टी सीएमएचओ परिवार कल्याण डॉ पंकज गौड़, जिला प्रजनन एवं शिशु स्वास्थ्य अधिकारी डॉ सुरेश मीणा, डिप्टी सीएमएचओ हैल्थ डॉ राजकुमार खोलिया एवं सभी खंड मुख्य चिकित्सा अधिकारी, खंड कार्यक्रम प्रबंधक एवं ब्लॉक डेटा एन्ट्री ऑपरेटर उपस्थित थे।