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सरकार का खराब ना हो जाए इस काम में पैसा…पढ़े पूरी खबर

एसटीपी को अपग्रेड करने के लिए चिन्हिकरण जारी, जल्द शुरू होगा काम
– अपग्रेड करने पर 8 करोड़ रुपए होंगे खर्च, 2025 तक करना होगा काम पूरा
– 5 एमएलडी रहेगी क्षमता, एसटीपी से निकलने वाले पानी की गुणवत्ता बढ़ेगी

राजसमंदMay 12, 2024 / 11:18 am

himanshu dhawal

सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट में मार्किंग सेट करती मशीन।

राजसमंद. शहर के प्रतापपुरा में बने सीवरेज के एसटीपी को अपग्रेड करने का काम शुरू हो गया है। इस पर करीब 8 करोड़ रुपए खर्च होंगे। हालांकि वर्तमान में एसटीपी 5 एमएलडी का है, लेकिन कनेक्शनों की संख्या कम होने के कारण बामुश्किल 2 एमएलडी पानी ही पहुंचता है। जिला मुख्यालय पर राजस्थान शहरी क्षेत्र विकास विनियोजन (रूडीप) के माध्यम से 14 किलोमीटर सीवरेज लाइन बिछाई गई थी। इससे घरों से निकलने वाले गंदे पानी को सीवरेज से जोड़ा गया। इसके तहत पहले चरण में करीब 1800 घरों को इससे जोड़ा गया। इससे निकलने वाले गंदे पानी को ट्रीट करने के लिए प्रतापपुरा में 2016 में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लंाट का निर्माण करवाया गया था। इसकी क्षमता 5 एमएलडी है। अब इसे अपग्रेड करने का काम शुरू हो गया है। इसमें एसबीआर (स्लस बेस रियेक्टर) तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा। इसके लिए डीएलबी स्तर पर टेण्डर किए गए हैं। इसकी ड्राईंग को एमएनआईटी ने भी पास कर दिया है। अब ट्रीटमेंट प्लांट के तहत बनने वाले टैंक एवं अन्य निर्माण कार्य के लिए जगह का चिन्हिकरण किया जा रहा है। इसके बाद आगामी 10-15 दिन में फर्म निर्माण कार्य प्रारंभ करेगी। उक्त कार्य को 2025 तक पूरा किया जाना है। इस पर 8,4,79,000 रुपए खर्च होंगे।

क्षमता नहीं पानी की बढ़ेगी गुणवत्ता

एसटीपी के अपग्रेड होने से एसटीपी की क्षमता 5 एमएलडी ही रहेगी, लेकिन इसमें स्लस बेस रियेक्टर तकनीक से निर्माण होने के कारण इससे निकलने वाले पानी की गुणवत्ता बढ़ेगी। इससे निकलने वाले पानी का बीओडी 10 के आस-पास रहने की उम्मीद है, जबकि वर्तमान में 80-90 रहता है। उक्त पानी को खेती-बाड़ी के काम में लिया जा सकेगा। इससे निकलने वाले पानी की राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल की ओर से ऑनलाइन मॉनिटरिंग की जाएगी। इससे निकलने वाले हानिकारण पदार्थो पर रोक लगेगी और पानी की गुणवत्ता बढ़ेगी।
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गंदगी नहीं सिर्फ पहुंच रहा गंदा पानी

जिला मुख्यालय पर करीब 16 हजार मकान है। वर्तमान में इससे करीब 2 हजार मकान जुड़े हुए हैं। ऐसे में 14 हजार घरों को सीवरेज से जुडऩे का इंतजार है। वर्तमान में स्थिति यह है कि जो कनेक्शन हैं वह घरों में बने सैप्टी टैंक से जुड़े हैं। इसके कारण सीवरेज में सिर्फ गंदा पानी जा रहा है गंदगी नहीं। वह भी मात्र 2 एमएलडी के करीब। ऐसे में सभी घरों के सीवरेज से जडऩे पर ही ट्रीटमेंट प्लांट प्रभावी काम करेगा।

चिन्हिकरण का काम शुरू, जल्द होगा काम प्रारंभ

शहर के प्रतापपुरा में बने सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट को अपग्रेड करने का काम जल्द होगा। वर्तमान में ट्रीटमेंट प्लांट के तहत होने वाले निर्माण के लिए चिन्हिकरण किया जा रहा है। इस पर 8 करोड़ से अधिक खर्च होंगे। इससे निकलने वाले पानी की गुणवत्ता बढ़ेगी।
  • तरूण बाहेती, एक्सईएन नगर परिषद राजसमंद

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