क्षमता नहीं पानी की बढ़ेगी गुणवत्ता
एसटीपी के अपग्रेड होने से एसटीपी की क्षमता 5 एमएलडी ही रहेगी, लेकिन इसमें स्लस बेस रियेक्टर तकनीक से निर्माण होने के कारण इससे निकलने वाले पानी की गुणवत्ता बढ़ेगी। इससे निकलने वाले पानी का बीओडी 10 के आस-पास रहने की उम्मीद है, जबकि वर्तमान में 80-90 रहता है। उक्त पानी को खेती-बाड़ी के काम में लिया जा सकेगा। इससे निकलने वाले पानी की राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल की ओर से ऑनलाइन मॉनिटरिंग की जाएगी। इससे निकलने वाले हानिकारण पदार्थो पर रोक लगेगी और पानी की गुणवत्ता बढ़ेगी। राजस्थान के इस ऐतिहासिक झील के सीमांकन की तैयारी…पढ़े अब तक क्या हुआ गंदगी नहीं सिर्फ पहुंच रहा गंदा पानी
जिला मुख्यालय पर करीब 16 हजार मकान है। वर्तमान में इससे करीब 2 हजार मकान जुड़े हुए हैं। ऐसे में 14 हजार घरों को सीवरेज से जुडऩे का इंतजार है। वर्तमान में स्थिति यह है कि जो कनेक्शन हैं वह घरों में बने सैप्टी टैंक से जुड़े हैं। इसके कारण सीवरेज में सिर्फ गंदा पानी जा रहा है गंदगी नहीं। वह भी मात्र 2 एमएलडी के करीब। ऐसे में सभी घरों के सीवरेज से जडऩे पर ही ट्रीटमेंट प्लांट प्रभावी काम करेगा।
चिन्हिकरण का काम शुरू, जल्द होगा काम प्रारंभ
शहर के प्रतापपुरा में बने सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट को अपग्रेड करने का काम जल्द होगा। वर्तमान में ट्रीटमेंट प्लांट के तहत होने वाले निर्माण के लिए चिन्हिकरण किया जा रहा है। इस पर 8 करोड़ से अधिक खर्च होंगे। इससे निकलने वाले पानी की गुणवत्ता बढ़ेगी। - तरूण बाहेती, एक्सईएन नगर परिषद राजसमंद