scriptराजस्थान के इस ऐतिहासिक झील के सीमांकन की तैयारी…पढ़े अब तक क्या हुआ | Patrika News
राजसमंद

राजस्थान के इस ऐतिहासिक झील के सीमांकन की तैयारी…पढ़े अब तक क्या हुआ

– प्रस्ताव बनाकर भेजा जाएगा मुख्यालय, फिर गजट नोटिफिकेशन होगा जारी
– आठ से अधिक गांवों के एक हजार से अधिक खसरे आ रहे इसकी जद में

राजसमंदMay 12, 2024 / 10:54 am

himanshu dhawal

oplus_0

राजसमंद. राजसमंद झील के सीमांकन की तैयारी शुरू हो गई है। इसका सर्वे आदि होने के पश्चात प्रस्ताव मुख्यालय भेजा जाएगा। वहां से झील की जद में आने वाले खसरों का गजट नोटिफिकेशन जारी होगा। इसके पश्चात ही राजस्थान झील संरक्षण एवं विकास प्राधिकरण के तहत होने वाले झील के संवर्धन और संरक्षण के कार्य हो सकेंगे।
राजसमंद झील एशिया की दूसरे नम्बर की मीठे पानी की कृत्रिम झील है। झील का निर्माण 1662 से 1676 के बीच हुआ था। राजस्थान उच्च न्यायालय जोधपुर ने जलाशयों पर बढ़ते अतिक्रमण को रोकने के लिए एवं उन्हें संरक्षित करने के निर्देश दिए थे। ऐसे में राजसमंद झील के सीमांकन की काफी समय से मांग उठ रही है। जानकारों के अनुसार कुछ वर्ष पहले उदयपुर की गरूड़ सर्वेयर से सर्वे कराया था, लेकिन उक्त फर्म की ओर से आधा-अधूरा सर्वे किया गया। इसके चलते अब फिर से नगर परिषद के इंजीनियर और अधिकारी मौके पर जाकर स्वयं भौतिक सत्यापन कर रहे हैं। यह कार्य आगामी एक सप्ताह में पूरा होने की उम्मीद है। इसके पश्चात झील के सीमांकन का प्रस्ताव बनाकर मुख्यालय भेजा जाएगा। वहां से गजट नोटिफिकेशन जारी होने के बाद ही राजस्थान झील संरक्षण एवं विकास प्राधिकरण अधिनियम 2015 के तहत इसे संरक्षित किया जा सकेगा। इससे झील के विकास के लिए बजट आदि जारी हो सकेगा।
Rajasthan News : अब इस कार्ड में सुधार करना हुआ और आसान, सरकार ने जारी किए आदेश

पेटे में है आठ गांवों की जमीन

राजसमंद झील के पेटे में बासोल, भगवानंदा, भाणा, लवाणा, सेवाली, भगवांदा खुर्द, रूण राजसमंद सर्कल अ और ब के करीब 1072 खसरे आ रहे हैं। झील का सीमांकन होने से झील के पेटे में अतिक्रमण, निर्माण कार्य आदि नहीं हो सकेंगे। इसके साथ ही झील के ब्यूटीफिकेशन आदि के कार्य हो सकेंगे।

गत वर्ष छलकी झील के देख रहे निशान

राजसमंद झील 2017 में और इसके पश्चात 2023 में छलकी थी। नगर परिषद के अधिकारी झील से सटे गांवों में जाकर पेड़ पर, दीवार पर, खेत की मुंडेर आदि पर बने पानी के निशानों के आधार पर चिन्हित कर रहे हैं। इससे डूब क्षेत्र, जहां तक पानी आता वह क्षेत्र और जो क्षेत्र बचेगा उसके बारे में जानकारी मिल सकेगी।

2008 में 38 करोड़ का भेजा था प्रस्ताव

राजसमंद झील के सौन्दर्यीकरण के लिए 2008 में करीब 38 करोड़ के प्रस्ताव बनाकर भेजे गए थे, लेकिन झील का सीमांकन नहीं होने के कारण वह ठंडे बस्ते में चला गया। ऐसे में यदि झील का सीमांकन हो जाता है तो झील के सौन्दर्यीकरण के लिए बजट आदि मिलने की उम्मीद है। इसे हेरिटेज लेक परियोजना में शामिल करवाने के लिए प्रयास किए जाने चाहिए।

1662 से 1676 के बीच झील का हुआ निर्माण

  • 2.82 किमी. चौड़ाई और 6.4 किमी लम्बाई
  • 30 फीट पूर्ण गेज और 3786 एमसीएफटी भराव क्षमता
  • 45 राजसमंद के गांव में 10,144 हेक्टेयर में होती सिंचाई
  • 07 नाथद्वारा के गाांव की 467 हेक्टेयर में होती है सिंचाई
  • 700 एमसीएफटी पीएचईडी के लिए रखा जाता है रिजर्व
  • 15 से 16 लाख लीटर पानी प्रतिदिन शहर में होता सप्लाई

Hindi News/ Rajsamand / राजस्थान के इस ऐतिहासिक झील के सीमांकन की तैयारी…पढ़े अब तक क्या हुआ

ट्रेंडिंग वीडियो