इस दौरान अपने पिता का बचाव करते हुए अब्दुल्ला आजम खान ने कहा कि प्रतिबंध लगाने से पहले कोई नोटिस नहीं दिया गया था और न ही सही प्रक्रिया का पालन किया गया। उन्होंने कहा कि आजम खान ने अपने भाषण में किसी का नाम नहीं लिया था, इसलिए चुनाव आयोग की कार्रवाई अनुचित है। चुनाव आयोग पर आरोप लगाते हुए कहा कि आयोग ने सफाई देने का मौका तक नहीं दिया, यह कार्रवाई पीएम मोदी को खुश करने के लिए की गई है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हम सब आजम खान के साथ हैं, आजम 40 साल से रामपुर की सेवा कर रहे हैं। इस तरह की रुकावट उन्हें जीतने से कोई नहीं रोक सकता है।
उन्होंने कहा कि भाजपा वालों को मुसलमानों और दलितों से इतनी नफरत है। वो चाहते हैं कि मुसलमानों का चुनाव लड़ने का अधिकार छीन लिया जाए। दलितों को यहां से भगा दिया जाए। एक तरफ संविधान ने सभी को अपनी बात रखने का अधिकार दिया है तो दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी के नेता बैठे हैं वह अपने दबाव में आयोग को लाकर इस तरह की कार्रवाई करा रहे हैं।
आपको बता दें कि रामपुर में 18 अप्रैल को दूसरे चरण का मतदान होना है। जिसके प्रचार का आज आखिरी दिन रहा। लेकिन आजम खान पर मंगलवार सुबह से 72 घंटे तक के लिए बैन लगा दिया गया है। गौरतलब हो कि पीछले दिनों एक के बाद एक कर आजम खान ने कई विवादित बयान दिए। जिसमें बीजेपी प्रत्याशी जया प्रदा से लेकर, रामपुर के जिला प्रशासन पर भी कई टिप्पणी की। जिसके बाद चुनाव आयोग ने यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ के अलावा, मेनका गांधी पर भी चुनाव आयोग ने कार्रवाई की है।
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