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त्योहार पर घर जाना होगा आसान, नवरात्र- दिवाली- छठ के लिए रेलवे चलाएगा 100 नई ट्रेन उल्लेखनीय है कि अब्दुला आजम खान 2017 में स्वार विधानसभा सीट से विधायक निर्वाचित हुए थे, लेकिन उस दौरान उनकी उम्र 25 साल से कम थी। वह फर्जी जन्मतिथि प्रमाणपत्र के आधार पर चुनाव लड़े थे। आरोप सही पाए जाने पर हाईकोर्ट ने दिसंबर 2018 में उनके निर्वाचन को अवैध घोषित कर दिया था। इसके बाद विधानसभा सचिवालय ने अब्दुल्ला आजम की सदस्यता खारिज करने की अधिसूचना जारी की थी।
अब इस मामले में विधानसभा सचिवालय ने भ्रष्ट आचरण का दोषी मानते हुए लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम-1951 की धारा (8 ) के तहत उनके चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध लगाने की संस्तुति की है। इस संबंध में प्रमुख सचिव विधानसभा की तरफ से राष्ट्रपति को पत्र भेजा गया है। अब अगर अब्दुल्ला आजम के चुनाव लड़ने पर रोक लगती है तो स्वार सीट से उनके फिर से उपचुनाव लड़ने का रास्ता भी बंद हो जाएगा। बता दें कि सियासी गलियारों में अब्दुल्ला आजम को फिर से स्वार से चुनाव लड़ाने की चर्चाए हैं। जमानत नहीं होने पर भी वह जेल से चुनाव लड़ सकते हैं।
नवाब काजिम अली खान ने की थी प्रतिबंध लगाने की मांग बता दें 2017 में बसपा के टिकट पर अब्दुल्ला आजम के खिलाफ स्वार से चुनाव लड़ने वाले पूर्व विधायक नवाब काजिम अली खान ने उनके चुनाव लड़ने पर रोक लगाने की मांग की थी। इस संबंध में उन्होंने पत्र के जरिये कहा था कि लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम में भ्रष्ट आचरण के दोषी को चुनाव लड़ने से रोका जा सकता है। विधानसभा सचिवालय ने इस पत्र पर विधिक राय लेने के बाद राष्ट्रपति को पत्र लिखा है।