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आजम खान ने कहा कि जौहर विश्वविद्यालय कैंपस की सारी जमीन मैंने खरीदी है, जो कि विश्वविद्यालय के नाम है। उन्होंने कहा कि कुछ किसानों से खरीदी है तो कुछ सरकारी जमीन का विनिमय किया गया है। अचानक से ऐसा क्या हुआ कि बिना कुछ बताए अधिकारी सीधे हमारी यूनिवर्सिटी में दाखिल हुए और जमीन की पैमाइश शुरू कर दी है। मैं पूछना चाहता हूं कि क्या किसी भी जमीन की पैमाइश इसी तरह से होती है। कहां पर खसरा है, कहां पर खतौनी है, कुछ नहीं। बस आते ही सीधे जमीन की पैमाइश शुरू कर दी है। यहां रजिस्ट्रार बैठे हैं, हम बैठे हैं, लेकिन बिना जांच-पड़ताल के सीधे आ गए हैं। उन्होंने कहा कि इससे साफ जाहिर होता है कि उत्तर प्रदेश सरकार और सरकार के अधिकारी मुझे बर्बाद करने की कोशिश में लगे हैं। खेलो पत्रिका Flash Bag NaMo9 Contest और जीतें आकर्षक इनाम, कॉन्टेस्ट मे शामिल होने के लिए http://flashbag.patrika.com पर विजिट करें। डीएम बोले- शासन को भेजनी है रिपोर्ट वहीं इस मामले में रामपुर जिलाधिकारी आंजनेय कुमार ने बताया कि नवनिर्वाचित सांसद आजम खान को शासन से पत्र लिखा गया था। उसी पत्र पर शासन ने आख्या मांगी गर्इ थी। आख्या कंप्लीट करके शासन को भेजने से पहले जमीन की जांच पड़ताल करनी थी। इसलिए राजस्व विभाग के कुछ अफसरों को वहां भेजा गया है, जो मौके की स्थिति को समझते हुए मुझे रिपोर्ट भेजेंगे और वही रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी।
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ये है पूरा मामलादरअसल, राजस्व विभाग के अधिकारियों ने एक पत्र विश्वविद्याल के कुलपति को भेजा, जिसमें जौहर विश्वविद्यालय कैंपस की कुछ जमीन की पैमाइश करने की बात कहते हुए सहयोग करने की अपील की गर्इ। जैसे पत्र पहुंचा उसी वक्त अधिकारी पुलिस फोर्स के साथ मौके पर पहुंच गए और जमीन की पैमाइश करनी शुरू कर दी। जौहर विश्वविद्यालय में राजस्व विभाग के अधिकारियों के पहुंचने की खबर मिलते ही सपाइयों में हड़कंप मच गया। दर्जनभर सपाइयों आैर आजम खान भी मौके पर पहुंच गए। इस दौरान आजम खान ने मीडिया से मुखातिब हाेते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश की सरकार और स्थानीय प्रशासन मुझे बर्बाद करने की कोशिश कर रहे हैं।