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जल शक्ति मंत्री बलदेव सिंह औलख भी हुए कोरोना संक्रमित, जानें अब तक योगी के कितने मंत्री हुए पॉजिटिव उल्लेखनीय है कि सपा सरकार में जौहर यूनिवर्सिटी के लिए किसानों की जमीन का अधिग्रहण किया गया था। उस दौरान दावा किया गया था कि किसानों की जमीन खरीदी हैं, लेकिन जुलाई 2019 में 26 किसानों ने मुकदमे दर्ज कराते हुए आरोप लगाए थे कि समाजवादी पार्टी के शासनकाल में उनकी जमीन जबरन विश्वविद्यालय में मिलाई गई है। इस मामले में प्रशासन ने भी एक मुकदमा दर्ज कराया था। इसके बाद सपा के कद्दावर नेता आजम खान को भूमाफिया घोषित किया गया था।
इस मामले की जांच एसआईटी को सौंपी थी। जौहर यूनिवर्सिटी को मौलाना मोहम्मद अली जौहर ट्रस्ट संचालित करती है। इसलिए सारी जमीन ट्रस्ट के नाम ही है। वहीं, आजम खान ट्रस्ट के अध्यक्ष हैं और पत्नी डॉ. तंजीन फातिमा सचिव। जबकि उनके दोनों बेटे अदीब और अब्दुल्ला सदस्य हैं। एसआईटी ने जांच में पाया कि जमीन ट्रस्ट के नाम हैं। इसलिए ट्रस्ट के सभी पदाधिकारी और सदस्यों को इसके लिए जिम्मेदार ठहराते हुए चार्जशीट दाखिल कर दी गई है।
वहीं, जौहर यूनिवर्सिटी के लिए शत्रु संपत्ति कब्जाने को लेकर फर्जी दस्तावेज तैयार बनवाने के आरोप में शहर कोतवाली में दर्ज मुकदमे में आजम और उनके तीन अन्य करीबियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई है। पुलिस अधीक्षकशगुन गौतम ने बताया कि जमीन प्रकरण के 27 और एक अन्य मुकदमे में आजम खान और उनके करीबियों समेत 13 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई है। कुछ मामले और हैं, जिनमें जल्द ही चार्जशीट दाखिल की जाएगी।