कुछ दिन पूर्व ही राज्य सरकार ने ओपीडी को सुबह 8 बजे से शाम 4 बजे तक खुला रहने का आदेश दिया था। हड़ताल होने के बाद भी सुबह 8 बजे बाद से जिला अस्पताल में मरीजों की लाइन लगना शुरू हो गई थी। सिविल सर्जन ने इमरजेंसी में आने वाले मरीजों को देखने के लिए मेडिकल कॉलेज के चिकित्सकों की ड्यूटी लगाई है। इससे लाभ ये हो रहा है कि धीमी गति से ही सही, लेकिन मरीजों को इलाज मिल रहा है।
इन सब के बीच रेलवे अस्पताल में हड़ताल का जरा भी असर नजर नहीं आया। यहां पर प्रतिदिन की तरह ही कामकाज चलता रहा। मरीज आए व चिकित्सकों ने उनका इलाज किया। एक तरफ जहां शहर व जिले में सभी निजी अस्पताल बंद है वही सिर्फ आकस्मिक सेवाएं चल रही है। ओपीडी खाली पडे़ है। दवा केंद्र पर भीड़ है। इसके अलावा जो चिकित्सक कामकाज कर रहे है, उनको दिखाने के लिए लंबी-लंबी लाइन लगी हुई है। हड़ताल के बाद भी रतलाम में आकस्मिक सेवा देने के लिए मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों को ड्यूटी पर लगाया गया है।