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तकनीकि में उलझा सरकारी तंत्र…गांवों की मेपिंग में अटके एसएमएस

तकनीकि में उलझा सरकारी तंत्र…गांवों की मेपिंग में अटके एसएमएस

रतलामApr 02, 2019 / 12:37 pm

Gourishankar Jodha

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तकनीकि में उलझा सरकारी तंत्र…गांवों की मेपिंग में अटके एसएमएस

रतलाम। सरकारी व्यवस्थाएं ठप्प सी हो गई है, जिले में समर्थन मूल्य गेहंू खरीदी में किसानों को एसएमएस नहीं पहुंचने का मामला अब तक गांवों की मेपिंग में उलझ रहा था, अब धीरे-धीरे व्यवस्था पटरी पर आ रही है। जिला अधिकारियों की माने तो सोमवार को गांवों की मेपिंग कर ली गई है, साथ ही 43 के स्थान पर एक केंद्र और बढ़ाया गया है अब 44 केंद्रों पर खरीदी की जाएगी। वैसे चना, सरसो और मसूर केंद्रों तो निर्धारित कर दिए है, लेकिन खरीदी कब से की जाएगी अभी फिलहाल मामला अटका हुआ है क्योंकि अब तक केंद्रों पर आईडी पासवर्ड नहीं मिले हैंं।

समर्थन मूल्य खरीदी 26 मार्च से शुरू हो चुकी है, 1 अप्रैल तक प्रशासनिक अमला किसानों के एसएमएस व्यवस्था सुधारने में लगा हुआ है, इस मध्य जिला प्रशासन के आला अधिकारी फिल्ड में भी पहुंचे, केंद्र प्रभारियो के माध्यम से किसानों को मोबाइल फोन करवाकर बुलवाया गया, ताकि खरीदी प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जा सके, इसी कारण ऑनलाइन खरीदी शनिवार और रविवार को अवकाश के दिनों में भी करवाई गई। प्रशासनिक व्यवस्था के खरीदी शुरू होने से आज दिनांक तक हाल यह रहे कि पहले 34 केंद्र बनाए गए, इसके बाद 29 पर खरीदी की गई, फिर ४३ केंद्र बनाए गए, जिसमें से 21 पर खरीदी हुई। 1 अप्रैल को कुल 44 केंद्र बनाए जा चुके है।
जिले में खोले गए 44 केंद्र
जिला आपूर्ति अधिकारी बीएस जामरे बताया कि जिले के 44 केंद्र खोले गए, जिसमें से 43 पर खरीदी शुरू हो चुकी है। अब तक 472 किसानों से 2251 क्विंटल गेहूं की खरीदी की गई। जबकि सोमवार को केंद्रों पर 1324 मेट्रिक टन गेहूं खरीदी गए। सोमवार को 43 के स्थान पर एक केंद्र धामनोद का और बढ़ाया गया, इसके साथ अब 44 केंद्रों पर खरीदी की जाएगी। 1 अपै्रल तक अधिकारियों के अनुसार हर गांव की मेपिंग की जा चुकी है, इसके अन्तर्गत प्रति केंद्र पर 1100 किसानों से खरीदी की जाएगा या फिर 7500 मेट्रिक टन तक खरीदी की जाना सुनिश्चित किया गया है।
किसान ने की सोश्यल मीडिया पर शिकायत, समस्या हुई हल
समीपस्थ ग्राम कलोरी के किसान पवन जाट ने बताया कि एसडीएम मेडम को तीन चार दिन से परेशानी बता रहे थे कि मेपिंग में गांव को धराड़ सोसायटी के अन्तर्गत करमदी खरीदी केंद्र से जोड़ दिया गया है। इससे काफी किसानों चार गुना भाड़ा देकर देकर 30 किमी का सफर तय करना पड़ रहा था। जबकि समीपस्थ नामली केंद्र से जोडऩे से ४ किमी में काम हो रहा था, लेकिन उन्होंने कहा कि तुम्हे धराड़ ही जाना पड़ेगा। इसके बाद सोमवार को मैने सीएम और रतलाम कलेक्टर को ट्वीट कर समस्या मोबाइल वाट्सऐप ग्रुप पर भी शेयर की गई। इसके बाद जिलाधीश के निर्देशानुसार करमदी केंद्र हटाकर कलोरी को नामली से जोड़ा गया। जाट ने बताया कि कलोरी में करीब 130-40 किसान होंगे जिन्हे परेशानी का सामना करना पड़ता। प्रति किसान करमदी जाने पर एक ट्राली के हिसाब २ हजार रुपए का भाड़ा लगता।

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