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रतलाम

लहसुन के भाव धड़ाम, व्यापारियों ने नहीं लगाई नीलाम बोली

लहसुन के भाव धड़ाम, व्यापारियों ने नहीं लगाई नीलाम बोली

रतलामSep 18, 2018 / 12:33 pm

Gourishankar Jodha

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लहसुन के भाव धड़ाम, व्यापारियों ने नहीं लगाई नीलाम बोली

रतलाम। लहसुन के भाव मंडी में धड़ाम हो गए, हालात इतने खराब है कि अधिक उत्पादन और अन्य प्रांतों में कम मांग के चलते सोमवार को खुली मंडी में लहसुन के २० रुपए क्विंटल तक पहुंच गए। मंहगे भाव में लगाई उपज के लुढ़कते भावों से आक्रोशित किसानों ने मंडी गेट बंद कर हंगामा किया, तो उजप के सही दाम और लहसुन नीलाम नहीं करने का विरोध करते हुए जमकर नारेबाजी की। मामला रतलाम की सैलाना बस स्टैंड स्थित लहसुन-प्याज मंडी का। जहां पर सोमवार कीं शाम ४ बजे करीब धराड़ के किसान भरत राठौड़ की लहसुन की बोली लगाने से व्यापारियों ने मना कर दिया।
मामला इतना गर्मा गया कि मंडी किसानों ने विरोध स्वरूप मंडी गेट बंद कर जमकर नारेबाजी की। बता दें की सोमवार को रतलाम मंडी में लहसुन २० रुपए क्विंटल तक खरीदा गया, भाव कम मिलना और नीलाम में उपज की बोली नहीं लगाने से आक्रोशित कृषकों ने करीब एक घंटे गेट बंद कर जमकर प्रदर्शन किया। इस दौरान पुलिस मौके पहुंच गई, मामला बिगड़ता देख तहसीलदार दुबेंद्र गोयल ने मौके पर पहुंचे। किसानों की समस्या सुन, व्यापारियों को मंडी कार्यालय में बुलाकर चर्चा की, तब जाकर मामला शांत हुआ। तहसीलदार ने मौके पर किसानों से कहा कि मौखिक नहीं, मुझे शिकायत लिखित में दो समस्या का निराकरण करेंगे, कल व्यापारियों की बैठक बुलाते हैं। इस मौके पर मंडी प्रांगण प्रभारी राजेंद्रकुमार व्यास, मंडी इंस्पेक्टर रूमालसिंह, मुकेश ग्रेवाल आदि भी पहुंच गए थे। विरोध के बाद मंडी में ४ बजे नीलामी बंद हो गई। इस कारण से दो प्लेटफार्म पर रखी उपज नीलाम नहीं हो पाई, शाम तक तीनों प्लेटफार्म उपज से भर गए थे। अनाज मंडी में प्याज की नीलामी के दौरान २६४१२ कट्टे नीलाम हुए जबकि १५० ट्राली प्याज की नीलाम होना शेष रह गई है।
मेरी लहसुन खरीदने से मना कर दी
एक कट्टी का भाड़ा हमारा ५० रुपए लग रहा है, और २० रुपए क्विंटल लहसुन खरीद रहे हैं, कहां से पूर्ति होगी। मेरी तो लहसुन को बोली तक नहीं लगाई गई। ऐसे कई किसान है अंदर, मात्र ४-५ व्यापारी नीलामी में भाग ले रहे हैं कई लायसेंसी व्यापारी खरीदारी नहीं कर रहे हैं। जो है वह भी इशारों इशारों में तू ले ले-तू ले ले कहकर किसान की उपज को ओने-पोने दाम में खरीद रहे हैं। हम चाहते हैं कि हमारी उपज का सही दाम मिले।
भरत राठौड़, लहसुन किसान, धराड़
गुणवत्ता युक्त माल नहीं था, बोली कैसे लगाएं
माल गुणवत्ता युक्त नहीं होने के कारण बोली नहीं लगाई गई। मंदी का माहौल, आगे मांग ही नहीं है। इस कारण से भाव में भी हर दिन गिरावट आ रही है। उत्पादन अधिक और खपत कम भी एक कारण ह। कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल, आसाम, बंगाल आदि स्थानों पर काफी मांग रहती है, लेकिन इन सालों में पूरे भारत में अच्छी पैदावार है। मध्य प्रदेश सहित राजस्थान, गुजरात और पंजाब में भी काफी उत्पादन है। इंदौर में तो कई छोटे माल पर बोली ही नहीं लगाई गई।
मोहनलाल मुरलीवाला, व्यापारी लहसुन-प्याज मंडी, रतलाम
व्यापारियों की बुलाएंगे बैठक, करेंगे कार्यवाही
मंडी सचिव एमएल बारसे ने बताया कि मुझे मामले की पूरी जानकारी नहीं है, मैं बैठक में था। मंडी प्रांगण प्रभारी से वस्तु स्थिति जानकारी लेकर उसके अनुसार कार्यवाही की जाएगी। मंडी प्रांगण प्रभारी राजेंद्रकुमार व्यास ने बताया कि शहर तहसीलदार मौके पर पहुंचे, जिन्होंने व्यापारियों को बुलाकर मामले की जानकारी ली, व्यापारियों की बैठक बुलाई जाएगी। कम व्यापारी नीलामी में भाग लेने के मामले पर कार्यवाही की जाएगी।
किसानों की लिखित शिकायत…

– नीलामी बोली में व्यापारी इशारों में भाव लगाते हैंं।
– १०० लायसेंसी व्यापरियों की तुलना में मात्र ४-५ व्यापारी नीलामी में भाग लेते है।
– लहसुन के भाव २० रुपए क्विंटल तक आ गए, हमारे माल का उचित भाव मिलना चाहिए।
– २० रुपए क्विंटल में किसानों का आना जाना और प्रति क्विंटल के मान से हम्माली तक महंगी पड़ रही है।
– किसानों की उपज रखने प्लेटफार्म पर व्यापारियों के लहसुन-प्याज के कट्टे महिनों से जमा है।
– किसान की उपज परिसर में पड़ी रहती है, मंडी प्रशासन कोई कार्यवाही नहीं करता, जिससे नुकसान होता।
– बुलाने पर भी चयनित जनप्रतिनिधि अध्यक्ष और मंडी प्रशासन के कर्मचारी मौके पर मौजूद रहते नहीं।
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