scriptNavratri 2021: दुनिया का ऐतिहासिक मंदिर जहां महालक्ष्मी के साथ विराजी हैं अष्टलक्ष्मी | Mahalaxmi Temple Ratlam Madhya Pradesh | Patrika News
रतलाम

Navratri 2021: दुनिया का ऐतिहासिक मंदिर जहां महालक्ष्मी के साथ विराजी हैं अष्टलक्ष्मी

मंदिर की स्थापना 400 वर्ष पूर्व तत्कालीन रियासत के राजा रतनसिंह ने करवाई थी।

रतलामOct 09, 2021 / 04:01 pm

Subodh Tripathi

Navratri 2021: दुनिया का ऐतिहासिक मंदिर जहां महालक्ष्मी के साथ विराजी हैं अष्टलक्ष्मी

Navratri 2021: दुनिया का ऐतिहासिक मंदिर जहां महालक्ष्मी के साथ विराजी हैं अष्टलक्ष्मी

रतलाम. मध्यप्रदेश के रतलाम में देश का ऐसा पहला मंदिर है, जहां महालक्ष्मी के साथ अष्ट लक्ष्मी विराजमान है, आश्चर्य की बात तो यह है कि इस मंदिर में सजावट भी सोने-चांदी और रुपए पैसों से होती है। यहां देश और विदेश से भक्त माता के दर्शन करने पहुंचते हैं और अपनी मनोकामना पूरी होने पर खीर का प्रसाद चढ़ाते हैं।
नवरात्र 2021 के मौके पर patrika.com आप को बता रहा है मध्यप्रदेश के प्रमुख देवी मंदिरों के बारे में…।


देश व दुनिया में दीपावली के समय हीरा, पन्ना, मोती सहित करोड़ों रुपए की नगदी चढऩे के मामले में ख्यात हो चुके रतलाम शहर के माणकचौक स्थित श्री महालक्ष्मी मंदिर हजारों की आस्था का प्रमुख केंद्र है। माना जाता है कि अतिप्राचीन मंदिर में सच्चे मन से किए गए दर्शन से जीवन से जुड़ी हर बाधा दूर होती है। इसलिए इस मंदिर में हर साल दर्शन करने के लिए भतो की संख्या बढ़ती जा रही है। आसपास के जिले ही नहीं, बल्कि मध्यप्रदेश की सीमा से बाहर से लेकर देश के बाहर से भी यहां भक्त बढ़ी संख्या में आते है। शहर की स्थापना के दौरान ही इसका निर्माण किया गया था। शहर के बीचोबीच बने श्री महालक्ष्मी मंदिर शहर ही नहीं जिले का प्रमुख धार्मिक तीर्थ स्थान है। माता के मंदिर में अष्ट लक्ष्मी की भी प्राणप्रतिष्ठा की हुई है। दीपावली पर दर्शन करने के लिए देश के कई राज्यों के भक्त यहां आते है। मंदिर की स्थापना 400 वर्ष पूर्व तत्कालीन रियासत के राजा रतनसिंह ने करवाई थी।

आस्था का है बड़ा केंद्र


श्री महालक्ष्मी मंदिर अपने भक्तों की आस्था का बड़ा केंद्र है। यहां पर कई प्रकार के संकट लेकर भक्त आते है। अपनी मनोकामना मां को बताते है कि समाधान होने पर फिर से प्रसन्नता के साथ आकर खीर का प्रसाद चढ़ाते है। नवरात्र से लेकर दीपावली तक तो देश ही नहीं, बल्कि विदेश से भी भक्त माता के दर्शन को आते है। दीपावली पर मां का हीरा, मोती, पन्ना आदि से श्रृंगार होता है, लेकिन कोविड नियम के चलते गत वर्ष नहीं हुआ था।

महालक्ष्मी के साथ अष्टलक्ष्मी


इस मंदिर में इन प्राचीन प्रतिमाओं के अतिरिक्त श्री अष्टलक्ष्मी की प्रतिामाएं भी है। ऐसा मध्यप्रदेश में यह एकमात्र मंदिर है जहां श्री महालक्ष्मी के साथ साथ अष्टलक्ष्मी भी हो। इनमे श्री ऐश्वर्य लक्ष्मी, श्री संतान लक्ष्मी, श्री वीर लक्ष्मी, श्री विजया लक्ष्मी, श्री अधी लक्ष्मी, श्री धान्य लक्ष्मी, श्री लक्ष्मीनारायण, श्री धन लक्ष्मी की प्रतिमाएं है। इनकी भी भक्त नियमित पूजन करते है।
व्यापारी संघ सजाता है मंदिर


माणक चौक स्थित व्यापारी संघ प्रतिवर्ष दीपावली पर हीरा, पन्ना, मोती, नगदी आदि से माता के मंदिर को सजाता है। दो वर्ष से कारोना के चलते ऐसा नहीं हो पाया, लेकिन अब उम्मीद है कि कोरोना कम हो गया है तो प्रशासन इसकी छूट दे सकता है। यह मंदिर शासन के अधीन है।
Navratri 2021: यहां रोज ग्यारह सौ ग्यारह दीपों से जगमगाता है माता का दरबार

https://www.dailymotion.com/embed/video/x84r30p
पत्रिका आव्हान –

हम सभी भक्तों व नागरिकों से आव्हान करते हैं कि वे कोविड 19 के नियमों का पालन जरूर करें, कोरोना से बचाव के लिए फेस कवर, मास्क, सोशल डिस्टेसिंग, सैनेटाइजेशन शामिल है।
Navratri 2021: 56 स्तंभों के इस मंदिर में सामने आते हैं व्यक्ति के पाप और पुण्य


ऐसे पहुंंचते रतलाम-
वैसे तो रतलाम पहुंचने के लिए बस और ट्रेन दोनों से जाया जा सकता है, लेकिन ट्रेन यहां पहुंचने का सबसे सुगम साधन है, रतलाम में ट्रेन गुजरात, राजस्थान सहित मध्यप्रदेश के सभी शहरों से आवाजाही करती है, इस कारण कहीं से भी रतलाम पहुंचा जा सकता है, यहां पहुंचने के बाद आप सिर्फ महालक्ष्मी का नाम लेंगे तो कोई भी ऑटो या टैक्सी वाला आपको मंदिर छोड़ देगा। यहां ठहरने के लिए कई होटल और लॉज हैं, इस कारण आपको किसी प्रकार की कोई परेशानी का सामना भी नहीं करना पड़ेगा।

Home / Ratlam / Navratri 2021: दुनिया का ऐतिहासिक मंदिर जहां महालक्ष्मी के साथ विराजी हैं अष्टलक्ष्मी

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो