मध्यप्रदेश के रतलाम जिले में हिंगलाज माता का ऐसा मंदिर है, जहां व्यक्ति के पाप और पुण्य सामने आते हैं। नवरात्रि में यहां श्रद्धालुओं की भीड़ लग जाती है।
Navratri 2021: 56 स्तंभों के इस मंदिर में सामने आते हैं व्यक्ति के पाप और पुण्य
रतलाम. मध्यप्रदेश के रतलाम जिले में हिंगलाज माता का ऐसा अनूठा मंदिर है। जहां आने वाले व्यक्ति के पाप और पुण्य का फैसला मंदिर में स्थित स्तंभ करते हैं। यानि अगर व्यक्ति के पुण्य अधिक है, तो उसे तुरंत पता चल जाएगा, वहीं अगर उसके पाप बढ़ रहे हैं, तो यहां स्थित स्तंभ उसे आगे बढऩे से रोकते हैं। सामान्य दिनों के साथ साथ नवरात्र में जिला मुख्यालय से करीब 27 किमी दूर बना यह मंदिर भक्तों की आस्था का केन्द्र है। गुणावद में स्थित हिंगलाज माता के शक्ति पीठ पर भक्तों की भीड़ उमड़ती है।
जिला मुख्यालय से 27 किलोमीटर व नामली से 12 किलोमीटर दूर स्थित ग्राम गुणावद के समीप पहाड़ी पर महामाया हिंगलाज माता की प्राचीन शक्ति पीठ स्थित है। यह शक्ति पीठ भारत के 52 शक्ति पीठों में से एक हैं। मध्यप्रदेश में यह एक मात्र मंदिर है। जो हिंगलाज माता का मंदिर राजस्थान के जेसलमेर ( भारत – पाकिस्तान की बार्डर पर) की प्रतिकृति है। गुणावद का शिव शक्ति पीठ माता मंदिर रियासत कालीन है। यहंा स्थित माता व शिव का मंदिर चमत्कारी है नवरात्र में यहां पर क्षेत्र व अन्य स्थानों से श्रद्धालु आस्था और उम्मीद लेकर आते हैं।
तीन गांव ऐसे भी- जहां बाहर निकलने के लिए केवल नाव का सहारामान्यता, 30 दिन में पूरी होती मनोकामना मान्यता है कि यहां जो आता है उसकी हर मनोकामना 30 दिन में पूरी होती है। इस शक्ति पीठ का संबंध उज्जैन से हैं। सैलाना रियासत के समय से इस मंदिर के महत्व के चलते पूजा व देख-रेख के लिए 60 बीघा से भी ज्यादा खेती की जमीन जागीर के रूप में दी गई थी। मंदिर के पूजा मठ के महंत देखते है। यह स्थान अति प्राचीन व दर्शनीय तथा धार्मिक व पर्यटन की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। इस स्थान की पुरात्तव विभाग ने खोज की थी। यहां की पहाड़ी पर कई प्राचीन मूर्तियां भी निकली थी। नगर व ग्रामवासी इस दर्शनीय स्थल के विकास की राह देख रहे है।
Navratri 2021: मनोकामना पूरी होने पर घुटनों के बल चलकर आते हैं भक्त फैसला करते हैं यहां के स्तंभ पाप-पुण्य का फैसला मंदिर में लगे हुए स्तंभ करते है। इस मंदिर में 56 खंभे बने हुए है। लोगों की मान्यता है कि ये खंभे लोगों के पाप पुण्य का फैसला करते हैं। उनका कहना है कि यहां पर स्थित खंभों में अगर व्यक्ति निकल जाता है तो वह पुण्यात्मा माना जाता है। जो दुबला पतला होने के बाद भी नहीं निकल पाता है तो उसके पाप आगे बढऩे से रोक रहे है ऐसा माना जाता है।