इसके पूर्व फरवरी माह में दुग्ध उत्पादक किसानों की बैठक के दौरान शहर में दूध 52 रुपए प्रति लीटर में देने का निर्णय लिया गया था। लेकिन, बुधवार को फिर से हुई बैठक में विक्रेताओं ने इसमें एक रुपए का और इजाफा कर दिया है। उनकी माने तो वह 53 रुपए प्रति लीटर से कम दाम पर दूध नहीं उपलब्ध करा सकेंगे। गांव में वह किसानों से 49 रुपए प्रतिलीटर के भाव से दूध लेंगे। इसके पूर्व दुग्ध उत्पादक किसान 46 रुपए प्रति लीटर के दाम पर गाड़ी से शहर में दूध लाने वालों को दूध दे रहे है।
रतलाम के दुग्ध उत्पादक किसानों द्वारा फरवरी माह में आयोजित बैठक में बताया गया था कि, शहर के दूध व्यापारियों को 46 रुपए प्रतिलीटर में दूध उपलब्ध हो रहा है। अगर किसानों के द्वारा दूध की कीमत में 9 रुपए प्रतिलीटर की वृद्धि की जाती है तो रतलाम में इसका दाम 55 रुपए प्रतिलीटर तक पहुंच जाएगा। बाद में दूध के दाम 52 रुपए करने का निर्णय हुआ था, जिसमें 49 रुपए में किसान देगा और डेढ़-डेढ़ रुपए करके तीन रुपए अधिक कीमत में 52 रुपए में दूध आमजन को मिलना था।
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आमजन की पहुंच से दूर हो जाएगा दूध
दूध की कीमतों में जिस तेजी से वृद्धि हो रही है, उसे देख अब ऐसा लगने लगा है कि, दूध मध्यमवर्गीय और आमजन की पहुंच से दूर न हो जाए। क्योंकि, समिति आय वाले लोगों के लिए इतने अधिक दाम में दूध खरीदना काफी मुश्किल होगा। पूर्व दूध के दामों पर प्रशासन का हस्तक्षेप रहता था, लेकिन अब इन्हे खुली छूट मिलने से दाम सातवें आसमान को छूने लगे है। कुछ वर्ष पहले तक तो दूध उत्पादक किसान गर्मी में दूध के दाम बढ़ाते थे और बारिश होने के बाद फिर से कम कर देते थे, लेकिन अब इसमें कम करने का काम ही खत्म कर दिया गया है।
ये रहे मौजूद
कालिका माता परिसर में हुई बैठक में दूध विक्रेता एवं दुकानदार उपस्थित थे। इनमें मुरलीधर गुर्जर, मोनू गुर्जर, संजय जाट, मुकेश गुर्जर, जानी गुर्जर, राकेश जाट, रामचंद्र गायरी, बबलू नागर, मन्ना लाल गुर्जर, बंटी गुर्जर, कैलाश गुर्जर, विक्रम गुर्जर, विकास जाट, राकेश जाट आदि दूध विक्रेता मौजूद रहे।
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