जिला अस्पताल में पिता ने गार्ड को बताया कि डॉक्टर साहब बिटिया और पत्नी को दो गज दूर से देखकर पर्चा पर दवा लिख दिए हैं। ऐसे में मरीज कैसे ठीक होगा। डॉक्टर साहब ने दरवाजे से ही पूछकर पर्चा पर मलेरिया की जांच लिख दिया था। बच्ची की मां भी पेट दर्द से कराह रही है। मलेरिया जांच कराने के लिए कहा था। रिपोर्ट दिखाने के लिए आए हैं। डॉक्टर को दिखाने के लिए बैठे हैं। इस पर गार्ड ने बैठने की इजाजत दे दी।
लाकडाउन के बाद अनलॉक-1.0 के दौरान एक जून से अब तक संजय गांधी अस्पताल में 33,325 मरीज ओपीडी में पहुंचे। जिसमें 8342 इमर्जेंसी वार्ड में पहुंचे। इमर्जेंसी और आपरेशन के मरीजों को छोड़ चिकित्सकों ने ओपीडी में सामान्य मरीजों को भी दो गज की दूरी से ही बीमारी की जानकारी लेकर पर्चा पर दवाएं लिख दिया। संजय गांधी अस्पताल में आपरेशन और इमर्जेंसी में पहुंचे मरीजों का इलाज चिकित्सकों ने किया। लेकिन, ओपीडी में डॉक्टर सामान्य मरीजों को भी दूर से ही देखकर पर्चा पर दवाएं लिख रहे हैं। ओपीडी में पहुंचे कई मरीजों ने बताया कि डॉक्टर दूर से ही पूछकर दवाएं लिख रहे हैं। लैब में जांच कराने के लिए पर्चा पर लिख रहे हैं। कई मरीजों ने बातया कि ऐसे में बीमारी से निदान नहीं मिल रहा है।
जिला मुख्यालय पर छोड़ दे तो जिले के सीएचसी-पीएचसी में डॉक्टर मरीजों को 10 फीट दूर से देख रहे हैं। कुछ सीएचसी में डॉक्टर नजदीक से मरीजों का इलाज कर रहे हैं। लेकिन, ज्यादातर अस्पतालों में संदिग्धों की तरह ही सामान्य मरीजों का भी इलाज कर रहे हैं। कमोवेश यही हाल निजी अस्पताल के चिकित्सकों का भी है। जिले के रायपुर कर्चुर्लियान, गंगेव, मऊगंज, नईगढ़ी, त्योंथर हनुमना और जवा सहित कई अन्य जगहों पर डॉक्टरों का यही हाल है।