जिले में किसानों की मूंग, उड़द समर्थन मूल्य पर खरीदी के लिए पांच केन्द्र बनाए गए हैं। अक्टूबर के अंतिम सप्ताह में खरीदी शुरू कर दी गई थी। गुरुवार की स्थित में एक हजार से अधिक किसानों से 1200 क्विंटल उड़द और मंूग की तौल की गई है। ६ दिसंबर तक 908 किसानों से 8125 क्विंटल उड़द और 103 किसानों से 320 क्विंटल मूंग की तौल की गई। जबकि 5 दिसंबर की स्थिति में किसानों की 2.88 करोड़ रुपए बकाया था। कुल मिलकर तीन करोड़ रुपए से अधिक का भुगतान बकाया हो गया है। अफसरों की अनदेखी के चलते किसानों का भुगतान नहीं हो पा रहा है। तीन दिन पहले खरीदी और भुगतान न होने पर करहिया मंडी किसान प्रदर्शन भी कर चुके हैं। खरीदी केन्द्रों के प्रस्ताव पर जिला प्रशासन ने शासन को किसानों के भुगतान के लिए पत्र लिखा गया है। जिम्मेदार कागजी खानापूर्ति कर इतिश्री कर ली है। लेकिन, किसान परेशान हैं।
जिले में खरीदी समितियों के अध्यक्ष पद शून्य हो जाने के चलते किसानों का भुगतान प्रभावित हो गया है। मामले में शासन ने समितियों पर प्रशासक नियुक्त करने का आदेश दिया है। कई दिन बीत जाने के बाद भी जिम्मेदार लापरवाह बने हैं। किसानों ने बताया कि कलेक्टर और डीआर के बीच फाइल लटकी हुई है। जिससे समितियों पर प्रशासक नियुक्त नहीं हो पा रहे हैं। रेकार्ड के अनुसार मूंग और उड़द के लिए बिहरा (करहिया मंडी), हनुमना विपणन, बड़ा गांव (सेमरिया मंडी), टिकुरा (मनगवां), मझियार (सिरमौर) केन्द्र पर किसानों की मंूग और उड़द की तौल की जा रही है।
किसान समर्थन मूल्य पर मूंग, उड़द बेचने के बाद उपज की कीमत के लिए भटक रहा है। अधिकारी हैं कि नई सरकार का इंतजार हैं। कागजी घोड़े दौड़ाकर किसानों के भुगतान का आश्वासन दे रहे हैं। समय से भुगतान नहीं होने से किसान खाद, बीज के लिए परेशान हैं।
अनिल सिंह, जिलाध्यक्ष
महेन्द्र सिंह, किसान नेता