जिले में शहरी और ग्रामीण क्षेत्र की ज्यादातर दुकानें समय से नहीं खुल रही है। दुकानों पर राशन लेने के लिए पहुंच रहे गरीबों को बैरंग लौटना पड़ रहा है। खाद्य एवं आपूर्ति नियंत्रक के रेकार्ड के अनुसार ५ दिसंबर की स्थित में 62हजार परिवारों को राशन दिया गया है। जबकि बीते माह में इस तारीख तक एक लाख से अधिक परिवारों को राशन मिल चुका था। कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारियों की अनदेखी के चले राशन वितरण व्यवस्था बेपटरी हो गई है। जिले में पचास फीसदी दुकानों पर वितरण का काम कछुआचाल से भी धीमा चल रहा है।
उदाहरण के तौर पर खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के रेकार्ड के अनुसार नगर परिषद चाकघाट में ५ दिसंबर की स्थिति में एक भी गरीबों को राशन वितरण नहीं किया गया है। खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के रेकार्ड के अनुसार दिसंबर माह में शहरी और ग्रामीण क्षेत्र को मिलाकर
कुल 3.92 लाख परिवार यानी 18 लाख से अधिक लोगों को कोटा का लाभ दिया जाएगा। जिसमें ग्रामीण क्षेत्र के 3.30 लाख परिवार हैं। शेष शहरी क्षेत्र के हैं।
जिले के सीमावर्ती नगर पंचायत चाकघाट में कोटा पर राशन वितरण की प्रगति शून्य है। चाकघाट में 1348 गरीबों को राशन दिया जाना है। अभी तक एक भी गरीबों को राशन नहीं दिया गया है। इसी तरह गुढ़ नगर पंचायत में कुल 2114 परिवारों को राशन दिया जाना है। अभी तक 182 परिवारों को राशन दिए जाने का दावा किया जा रहा है। उधर, रीवा नगर निगम में 17743 गरीबों को राशन दिया जाना है। अभी तक महज गरीबों को राशन मिला है। हैरान करने वाली बात तो यह कि नईगढ़ी नगर परिषद में 19 परिवारों को राशन दिया गया है।
शहर के वार्ड-5 की पंडित दीनदयाल प्रा. सहकारी उप भण्डार (अ) ढेकहा की राशन की दुकान बुधवार की शाम 4.20 बजे तक दुकान में ताला लगा रहा। आस-पास पूछने पर बताया कि सुबह खुली थी। दोपहर में 12 बजे बंद हो गई। शाम को खुलेगी। जबकि ठड का समय होने के कारण सुबह और शाम लाभार्थी नहीं पहुंच पा रहा है। दोपहर में कई राशनकार्ड धारी बैरंग लौट गए। कई कार्डधारियों ने ठंड के माह में समय परिवर्तन करने की मांग उठाई है। उधर, घोघर, निपनिया, बिछिया की दुकानें तो खुली थी। लेकिन दुकानों पर राशन डंप है। अभी तक वितरण नहीं किया जा सका है। कमोवेश यही स्थिति जिले की सभी नगर परिषद क्षेत्र की दुकानों की है।