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रीवा

जिपं अध्यक्ष ने कहा-चार साल से हर माह 30 लाख रुपए के भोजन का पैकेट कहां बांट रहे अफसर

जिपं अध्यक्ष ने कहा-चार साल से हर माह 30 लाख रुपए के भोजन का पैकेट कहां बांट रहे अफसर

रीवाNov 28, 2020 / 11:15 am

Rajesh Patel

Food packets are being distributed to children under ready-to-eat food

Food packets are being distributed to children under ready-to-eat food

रीवा. जिला पंचायत सभागार में इस बार सामान्य प्रशासन समिति की बैठक अन्य दिनों से अलग रही। शुक्रवार को जिपं अध्यक्ष अभय मिश्र की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में मध्यान्ह भोजन और योजनाओं से जुड़े कई घोटाले के भी मुद्दे सामने आए हैं। जिसमें जिला पंचायत के तत्कालीन सीइओ, नगर निगम समेत जिला प्रशासन की भी भूमिका संदिग्ध है।
रेडी-टू-ईट योजना के तहत बच्चों को दे रहे भोजन
बैठक के प्रारंभ में ही जिपं अध्यक्ष ने सवाल उठाए कि शहर में रेडी-टू-ईट फूड योजना के तहत चार साल से बच्चों को बना बनाया भोजन का पैकेट बांटा जा रहा है कि किसी को मालूम हो तो बताएं। अध्यक्ष ने दस्तावेज दिखाते हुए कहा कि इस योजना पर हर माह 30 लाख रुपए आहरित किए जा रहे हैं। अध्यक्ष के द्वारा सदन में उठाए गए इस सवाल पर सनाका खिंच गया। सदस्यों ने मामले को कलेक्टर से परीक्षण कराने का प्रस्ताव लाया है।
सामान्य प्रशासन समिति की बैठक
अध्यक्ष ने जिपं सदस्य एवं सहकारिता सभापति शिवकली नट के द्वारा लाए गए प्रस्ताव के पालन प्रतिवेदन पर चर्चा करते हुए कहा कि सामान्य प्रशासन समिति की बैठक (18.10.2019) के बिंदु क्रमांक एक के परिपालन में परियोजना अर्थशास्त्री की नियुक्ति को कोई ठोस आधार नहीं है। तत्कालीन अफसरों की साठगांठ से परियोजना अर्थशास्त्री को मध्यान्ह भोजन का प्रभारी बनाया गया।
कूटरचित तरीके से किया गया

तत्कालीन समय में प्रभारी राजेश शुक्ला ने तीन साल पूर्व निर्माला ज्योति महिला मंडल के साथ किए गए अनुबंध बतौर प्रभारी दस्तावेज में कूटरचित तरीके से किया गया है। अनुबंध में दो साल के बजाए तीन वर्ष का लेख कर दिया गया है। इसी कार्यालय में चार साल से रेडी-टू-ईट फूड योजना के तहत बीते चार साल से बच्चों को बना बनाया भोजन का पैकेट वितरण किया जा रहा है। इस योजना में हर माह 30 लाख रुपए खजाने को चपत लगाई जा रही है। मामले में सदस्यों ने कलेक्टर से परीक्षण कराने का प्रस्ताव लाया है।
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