मामला चाकघाट नगर पंचायत के वार्ड क्रमांक 12 का है। रविवार की रात एक बंदर दुकान के बाहर लगे विद्युत पोल करंट में फंस गया था, जिससे उसकी मौत हो गई। सुबह जब स्थानीय लोग दुकान खोलने पहुंचे तो बंदर को मृत हालत में पड़े देखा। उन्होंने इसकी सूचना नगर पालिका को दी तो उन्होंने यह जिम्मेदारी वन विभाग की बताकर अपना पल्ला झाड़ लिया। जब वन विभाग से संपर्क किया गया तो उन्होंने नगर पालिका की जिम्मेदारी बता कर अपने हाथ खड़े कर दिए।
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नगर पालिका ने नहीं दिखाई गंभीरता तो ग्रामीणों ने लिया फैसला
मृत बंदर का कोई भी अंतिम संस्कार करने को तैयार नहीं था। फलस्वरूप स्थानीय लोगों ने शाही अंदाज से बंदर की शव यात्रा निकाली। बकायदे शव यात्रा में बैंड-बाजा बुलवाया गया और फूल माला के साथ बंदरों को गोद में उठाकर स्थानीय लोगों ने शव यात्रा निकाली। बाद में उसको मैदान में एक गड्ढा करवा कर दफन करवा दिया। वन्य प्राणी के प्रति प्रेम भावना देखकर काफी संख्या में लोग उसके शव यात्रा में शामिल होने के लिए पहुंचे थे। दुकानदार महेंद्र केशरवानी ने बताया कि सुबह जब वह अपनी दुकान में पहुंचे तो बंदर को मृत हालत में पड़े देखा। नगर पालिका व वन विभाग के अधिकारियों ने उसे दफन करवाने में दिलचस्पी नहीं दिखाई तो स्थानीय लोगों ने उसका अंतिम संस्कार करवाया है।