कर्मचारी आवास निगम के हितग्राहियों की समिति की ओर से रामसजीवन नामदेव, रोशनलाल शुक्ला सहित अन्य ने मुख्य सचिव को बीते महीने रीवा प्रवास के दौरान ज्ञापन दिया था। जिन्होंने साथ में आए राजस्व विभाग के प्रमुख सचिव को इस प्रकरण की जिम्मेदारी सौंपी थी। प्रमुख सचिव ने फाइल तलब कर पूरे मामले का अध्ययन किया और राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत को प्रस्ताव भेजा। मंत्री ने भी स्वीकृति दे दी है। इसलिए शासन की ओर से अब तक जो तकनीकी रुकावटें थी, वह दूर हो गई हैं।
समान मोहल्ले में जिस भूमि पर कर्मचारी आवास निगम का प्रोजेक्ट स्वीकृत हुआ है। वह नजूल में है, इसलिए अब तक उसका आवंटन नहीं हो रहा था। इसमें नामांतरण रुका हुआ था। राजस्व मंत्री ने सहमति दे दी हैकि उक्त भूमि को कर्मचारी आवास निगम को सौंपा जाए। अब निगम हितग्राहियों से अतिरिक्त राशि लेकर राजस्व विभाग को सौंपेगा। पूर्व में कर्मचारियों से 900 वर्गफिट, 1500 वर्गफिट और 1800 वर्गफिट के भूखंड के लिए क्रमश: 90 हजार रुपए, 1.87 लाख एवं 2.10 लाख रुपए जमा कराए गए थे। कुल भूखंड के लिए कर्मचारियों को ८९ लाख रुपए जमा करना है, जिसमें ४६ लाख वह दे चुके हैं। अब ४३ लाख रुपए और जमा किया जाना है, जिसे १६० कर्मचारियों से भूखंड के अनुसार वसूली कर कर्मचारी आवास निगम राजस्व विभाग को सौंपेगा।
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वर्षों से भूखंड के लिए संघर्षकर रहे सेवानिवृत्त हो चुके कर्मचारियों एवं उनके परिवारों की बैठक तीन नवंबर को आयोजित की गईहै। संघर्षसमिति के विनोद शुक्ला ने बताया कि किशोर न्यायालय के पास बैठक आयोजित की जाएगी और शासन के निर्णय के बाद आगे की तैयारियों पर चर्चाहोगी। उन्होंने कहा कि इस संघर्षमें शामिल रहे सभी लोगों को धन्यवाद भी दिया जाएगा और प्रशासन से मांग की जाएगी कि उन्हें जल्द ही भूखंड मुहैया कराए।
अनुज प्रताप सिंह, कार्यपालन यंत्री हाउसिंग बोर्ड ने बताया कि कुछ समय पहले जो राशि मिली थी, उससे कर्मचारी आवास निगम की कालोनी विकसित करने का कार्यहुआ था। मामला शासन के पास लंबित है। वहां से जैसे ही कोई नया निर्देश मिलेगा, उसके अनुसार कार्य करेंगे।