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रीवा

अस्पतालों में फायर सेफ्टी के नहीं हुए प्रबंध, सूचना देने तक सीमित रह गई कार्रवाई

– मानव अधिकार आयोग ने लिया संज्ञान, कोरोना की तीसरी लहर की आशंका फिर भी अस्पतालों में सुरक्षा के प्रावधान नहीं

रीवाJul 28, 2021 / 10:50 am

Mrigendra Singh

rewa

Rewa ; No arrangements for fire safety in hospitals


रीवा। कोरोना की दूसरी लहर ने अस्पतालों में व्यवस्थाओं की नाकाफी की वजह से कई सवाल खड़े किए हैं। अब तीसरी लहर आने की भी आशंका है, ऐसे में पूर्व में अस्पतालों की सुरक्षा के लिए जारी किए गए निर्देशों का पालन नहीं किए गए हैं। जिसके चलते मरीजों एवं उनके परिजनों की सुरक्षा को लेकर आशंका बनी हुई है।
बीते मई महीने में जब कोरोना पीक पर चल रहा था, उस दौरान नगरीय प्रशासन विभाग ने रीवा सहित प्रदेश के सभी प्रमुख नगर निगमों को अस्पतालों में फायर सेफ्टी के प्रावधान कराने का निर्देश दिया था। इसके लिए नगर निगम को सप्ताह भर का समय दिया गया था, लेकिन निगम के अधिकारियों ने कार्रवाई के लिए और समय मागा था। करीब तीन महीने का समय पूरा होने जा रहा है लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नगर निगम की ओर से नहीं की गई है।
निगम के अधिकारियों ने शहर के सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों को सूचना देने तक अपनी कार्रवाई सीमित कर रखी है। लगातार हो रही लापरवाही पर अब मानव अधिकार आयोग ने नगरीय प्रशासन विभाग से जानकारी मांगी है। जिसमें पूछा है कि नगर निगमों की ओर से अब तक क्या कार्रवाई फायर सेफ्टी को लेकर हुई है उसकी जानकारी प्रस्तुत करें। रीवा में सरकारी हों या प्राइवेट हर जगह अस्पतालों में फायर सेफ्टी की अनदेखी की जा रही है। जिसकी वजह से आने वाले दिनों में जब मरीजों का दबाव अधिक हो सकता है, उस समय मरीजों एवं उनके परिजनों की सुरक्षा सवालों के घेरे में रहेगी।
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अस्पतालों के प्रबंधन स्वयं नहीं आए आगे
बीते मई महीने में नगर निगम के इंजीनियर्स ने शहर के कई अस्पतालों में भ्रमण कर वहां की फायर सेफ्टी से जुड़ी व्यवस्थाओं का प्राथमिक आंकलन कर रिपोर्ट तैयार किया था और उनके प्रबंधन से व्यवस्थाएं बनाने के लिए कहा था। मौखिक रूप से तो उनदिनों अस्पतालों के प्रबंधन निगम अधिकारियों से समय मांगते रहे लेकिन करीब तीन महीने से अधिक का समय पूरा होने जा रहा है पर अब तक कोई व्यवस्थाएं नहीं की गई हैं।
– एनओसी के लिए भी पहल नहीं
शहर में सरकारी एवं प्राइवेट अस्पतालों में अभी तीन के पास ही फायर एनओसी होने की जानकारी है। शासन के निर्देश के अनुसार सभी अस्पतालों को पहले फायर सेफ्टी के इंतजाम करने के बाद नगर निगम से एनओसी लेनी होगी। इसके बाद इन अस्पतालों को भी फायर आडिट कराना होगा ताकि यह स्पष्ट हो सके कि मापदंडों के अनुरूप व्यवस्थाएं हैं अथवा नहीं। एनओसी वाले अस्पतालों में जिला अस्पताल, रीवा हास्पिटल एण्ड रिसर्च सेंटर, विंध्या हास्पिटल शामिल हैं। विंध्य के सबसे बड़े अस्पताल संजयगांधी के पास भी एनओसी नहीं है।
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शर्तों को पूरा करना होगा
शहर में संचालित अस्पतालों में फायर आडिट कराने का निर्देश शासन द्वारा जारी किया गया है, जिसमें नेशनल बिल्डिंग कोड के मुताबिक व्यवस्थाएं हैं अथवा नहीं इसका परीक्षण करना है। प्रमुख रूप से आगजनी की स्थिति में मरीजों को बाहर निकालने के लिए अलग से व्यवस्था है या नहीं, फायर फाइटिंग सिस्टम भवन की क्षमता के अनुरूप है अथवा उससे कम है, अस्पताल में फायर के एक्सपर्ट कर्मचारी नियुक्त किए गए हैं कि नहीं, आइसीयू में एयरफ्लो एक्सचेंज करने की क्या व्यवस्थाएं हैं, जिससे हवा बदलती रहे आदि को प्रमुख रूप से देखा जाएगा। साथ ही यह भी देखा जाएगा कि रेस्क्यू के लिए यदि टीम आती है तो वह सहजता से पहुंच पाएगी अथवा नहीं।
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कोरोना काल में अस्पतालों की यह रिर्पोट हुई थी तैयार


– संजयगांधी अस्पताल- नेशनल बिल्डिंग कोड के अनुसार 15 मीटर से यदि भवन ऊंचा है तो डेढ़ लाख लीटर क्षमता का अंडर ग्राउंड वाटर टैंक, 10 हजार लीटर का ओवर हेड पानी टंकी, पंप हाउस, हाइड्रेंट सिस्टम, स्प्रिंकलर, फायर अलार्म आदि होना चाहिए। पूर्व में यहां फायर फाइटिंग सिस्टम बनाया गया था लेकिन वर्तमान में पूरी तरह से ठप है। प्रबंधन की ओर से माकड्रिल भी नहीं की जाती, जबकि यहां हजारों की संख्या में लोग हर समय मौजूद रहते हैं। कोरोना काल में यह प्रमुख अस्पताल था।
– जिला अस्पताल – शहर के बिछिया में बनाए गए जिला अस्पताल को फायर एनओसी दी गई है। संसाधनों का सत्यापन लंबे समय से नहीं किया गया है। साथ ही अस्पताल प्रबंधन की ओर से यहां भी माकड्रिल नहीं कराई जाती जिससे कमियों का पता नहीं चलता। कोरोना के दौरान यहां भी मरीज भर्ती थे।
– रीवा हास्पिटल – यहां पर फायर फाइङ्क्षटग सिस्टम लगाया गया है, साथ ही फायर एनओसी भी ली गई है। पंप हाउस, जल भंडारण क्षमता आदि का फिर से सत्यापन किया जाना है। लिफ्ट की जांच भी होनी है। यह भी कोविड का प्रमुख निजी अस्पताल था।
– विंध्या हास्पिटल- इस अस्पताल में 45 बेड कोरोना मरीजों के लिए निर्धारित थे। साढ़े 12 मीटर से यह भवन ऊंचा है, इसमें फायर फाइटिंग के मापदंडों का सत्यापन किया जाना है। अस्पताल को फायर एनओसी जारी की गई है। अलग से पंप हाउस, मरीजों को रखने वाले स्थानों में अन्य व्यवस्थाएं देखी जानी हैं। यहां भी लिफ्ट का सत्यापन होगा।
– चौरसिया हास्पिटल- यहां पर फायर एनओसी नहीं ली गई है और वर्तमान में फायर फाइटिंग सिस्टम मापदंडों के अनुरूप लगाया भी नहीं गया है। भवन की क्षमता के अनुसार व्यवस्थाओं का मूल्यांकन किया जाना है।
– लाइफ केयर हास्पिटल- यह भवन साढ़े 12 मीटर से ऊंचा है। इसलिए यहां पर लिफ्ट का वेरीफिकेशन भी होगा। कोविड के लिए दस बेड बनाए गए थे। नियम के अनुसार यहां दस हजार लीटर का अंडरग्राउंड टैंक, साढ़े सात हजार लीटर का ओवरहेड टंकी के साथ पंप हाउस भी होना चाहिए। भवन में फायर फाइटिंग सिस्टम लगाया गया है लेकिन वह पर्याप्त नहीं है।
– शंकर नर्सिंगहोम- यह भवन दस मीटर से कम ऊंंचा बताया गया है। अपने मापदंडों के अनुरूप इसके पास अभी व्यवस्थाएं नहीं है। फायर आडिट में मूल्यांकन किया जाएगा।
– पसोन्या नर्सिंगहोम- यहां अब तक फायर एनओसी नहीं दी गई है। नियमों के अनुसार व्यवस्थाएं भी नहीं हैं। मूल्यांकन के बाद कमियां स्पष्ट होंगी।
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