शहर के अधिकांश थानों की सीमाएं अस्तव्यस्त है। कई ऐसे इलाके है जो दूसरे थानों के काफी नजदीक है लेकिन उनकी सीमाएं दूसरे थानों में मिलती है। सिटी कोतवाली थाने का रतहरा जिऊला का इलाका थाने से आठ किमी दूर है जबकि समान थाने से इसकी दूरी महज तीन किमी है। यदि कोइ घटना हेा जाये तो पुलिस को भी यहां पहुंचने में काफी समय लग जाता है और पीडि़तों को भी शिकायत दर्ज करवाने के लिए काफी दूर जाना पड़ता है। ऐसा ही चिरहुला मंदिर के पीछे बढ़ौरा टोला व जोरी गांव है जो बिछिया थाने के नजदीक है लेकिन इसकी सीमाएं सिटी कोतवाली थाने से जुड़ती है। शहर के भीतर दर्जनों ऐसे मोहल्ले है जो दूसरे थानों के काफी करीब है लेकिन उनकी सीमाएं दूसरे दूर के थानों से जुड़ती है।
इस विसंगति को दूर करने के लिए विभागीय अधिकारी कवायद में लगे हुए है। पुलिस अधीक्षक विवेक सिंह ने संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया है और ऐसे इलाकों को चिंहित करने का आदेश दिया है जिनको नजदीकी थाने से जोड़ा जा सके। विभागीय अधिकारियों ने अब थानों की सीमाओं को नए सिर से चिंहित करने की कवायद शुरू कर दी है। माना यह जा रहा है कि जल्द विभाग द्वारा सीमाओं में आवश्यक सुधार कर लिये जायेंगे।
यह समस्या शहरी थानों के साथ देहात के थानों में भी गंभीर है। देहात के कई थानों में ऐसे गांव है जो दूसरे थाने के नजदीक है और उनकी सीमाएं दूसरे थानों में जुड़ती है। मऊगंज थाने हर्रई प्रताप गांव पिपराही चौकी से चार किमी दूर है जबकि मऊगंज थाने से इसकी दूरी 25 किमी है। अमूमन यही हाल नईगढ़ी थाने का जुड़मनिया गांव की दूरी थाने से पन्द्रह किमी है जबकि लौर थाने से यह महज पांच किमी है। यह स्थिति देहात के अधिकांश थानों में है जिसकी वजह से फरियादियों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
थानों की सीमाओं को व्यवस्थित करने का प्रयास करने का प्रयास किया जा रहा है। मोहल्लों व गांवों को नजदीकी थानों से जोडऩे का प्रयास किया जा रहा है। इसके लिए निर्देश जारी किये गये है। तमाम औपचारिकताएं पूरी होने के बाद ही सीमाओं में बदलाव किया जायेगा।
विवेक सिंह, एसपी रीवा