विवि में सुरक्षा व्यवस्था के लिए एसआइएसएफ की एक टुकड़ी तैनात की गई है। इनमें 86 जवान शामिल है, जो तीन शिफ्ट में तैनात रहते हैं। परेशानी की बात यह है कि यह बल नाकाफी है और हर प्वाइंट पर इनकी तैनाती भी संभव नहीं है। विवि प्रशासन इन पर 5 करोड़ 31 लाख रुपए सालाना भी खर्च कर रहा है। लेकिन यह सुविधा महज सीसीटीवी कैमरे न लगे होने के कारण नाकाफी साबित हो रही है।
इन जगहों पर लगे हैं, लेकिन बंद पड़े
गेट पर
शिक्षकों के आवासीय मकानों में सुरक्षा व्यवस्था के लिए गेट पर 4 कैमरे लगाए गए थे। इनमें से सिर्फ 2 ही चालू हैं। जबकि 2 बंद पड़े हैं। गेट से अंदर और बाहर आने वाले लोगों की एंट्री तो होती है, लेकिन कई मर्तबा कार से आने वाले लोगों की एंट्री नहीं हो पाती है। सुरक्षा के लिहाज से यहां सभी कैमरे चालू होने की काफी जरूरत है।
समाधि स्थल
विवि में दाखिल होने और बाहर जाने वालों पर नजर रखने के उद्देश्य से चौराहे पर भी एक सीसीटीवी कैमरा लगाया गया था, लेकिन यह भी बंद पड़ा है। बाइक चोरी कर ले जाने वाले और मारपीट कर वारदात को अंजाम देकर फरार होने वाले लोगों का भी पता इस बंद कैमरे के कारण नहीं लग पाता है।
बॉयज हॉस्टल
छात्रों के रहवासी जगहों पर 4 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। सभी हॉस्टल् में इनकी व्यवस्था थी, लेकिन तीन साल से यह सभी बंद पड़े हैं। हॉस्टल में आए दिन विवाद होते हैं। जांच के दौरान सीसीटीवी कैमरे बंद होने के कारण विवाद की स्थिति और हकीकत मालूम नहीं हो पाती है।
-यहां पर लगाए जाएंगे कैमरे
गल्र्स हॉस्टल
दोनों पार्किंग
कैंटीन और दुकानें
सभी विभागों में
स्वास्थ्य केंद्र
लाइब्रेरी
नए प्रशासनिक कार्यालय
सभी कक्षाओं
घाट रोड
वर्जन
सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने को लेकर मंजूरी मिल गई है। पूरे विवि परिसर में यह कैमरे लगाए जाएंगे। इनको लगाने का काम भी जल्द शुरू होगा।
प्रो. आशीष वर्मा, सुरक्षा अधिकारी विवि