यह है मामला
बिजली कंपनी ने शहर में ठेकाकर्मियों को मीटर रीडिंग का जिम्मा सौंप रखा है। हाल ही में बिजली कंपनी ने मैन्युअल रीडिंग बंद कर दक्ष एप के माध्यम से फोटो मीटर रीडिंग की शुरूआत की है। चूंकि इस प्रक्रिया को शुरू होने में बिजली कंपनी ने जल्दबाजी दिखाई तो वहीं मीटर रीडर्स भी अप्रशिक्षित होने के कारण फोटो मीटर रीडिंग करने में गलतियां कर रहे हैं। एेसा ही हुआ अक्टूबर माह की मीटर रीडिंग के दौरान, जब मीटर रीडर्स ने शहर के तीन हजार से ज्यादा उपभोक्ताओं की मीटर रीडिंग पिछली कुल रीडिंग से भी कम नोट करा दी। हांलाकि समय रहते गलती सामने आई और उसे सुधार लिया गया।
सभी की रीडिंग के आदेश
शहर के तीन हजार से ज्यादा उपभोक्ताओं की गलत रीडिंग से सात लाख यूनिट कम रीडिंग हुई थी। बिजली कंपनी के अधिकारियों का कहना है कि यदि औसत भी लगाया जाए तो सात लाख यूनिट की राशि पचास लाख से ज्यादा होती है। कंपनी के अधिकारियों का कहना है कि यह राशि तो अगले बिल में जुड़ जाती लेकिन पहले से ही कंपनी के करोड़ों रुपए सालों से अटके हैं, इसके बाद इस राशि का और झोल होने से परेशानी होती। अधिकारियों ने गलत रीडिंग वाले सभी मीटरों की दोबारा सही रीडिंग करने के आदेश जारी कर दिए हैं।
फैक्ट फाइल
70 हजार से ज्यादा उपभोक्ता हैं शहर में
06 करोड़ यूनिट होती है हर माह की डिमांड
12 से 13 करोड़ यूनिट है गर्मियों में डिमांड
10 करोड़ सालों से अटकी है बकाया राशि
रीडिंग कराई जा रही है…
गलती सामने आने के बाद जांच की थी, जिसमें मीटर रीडिर्स की चूक सामने आई है। कंपनी आंकलित खपत के बिल उपभोक्ताओं को थमाना नहीं चाहती, इसलिए जिन मीटर्स की रीडिंग कम है उनकी दोबारा रीडिंग के आदेश दे दिए गए हैं।
एमएस चंदेल, प्रभारी, कार्यपालन अभियंता