शहरी युवाओं को रोजगार देने वाली युवा स्वाभिमान योजना का बुरा हाल
सागर•Jun 25, 2019 / 04:04 pm•
manish Dubesy
Employer of urban youth Youth self respect plan
नगर निगम में 433 युवाओं को ही मिली ट्रेनिंग, पेमेंट सिर्फ 22 को
सागर. शहरी युवाओं को रोजगार मुहैया कराने लोकसभा चुनाव के पहिले लागू की गई युवा स्वाभिमान योजना तकरीबन बेड़ागर्क हो गया है। नगरीय प्रशासन के अधिकारियों की उदासीनता के चलते योजना के बेहतन नतीजे नहीं आ रहे। इसको लेकर अब सरकार ने योजना के स्वरूप में बदलाव कर ठोस तरीके से कार्य योजना बनाने का फैसला किया है। शुरुआती दौर में योजना के तहत युवाआें ने बड़ी संख्या में पंजीयन कराया था, लेकिन प्रशिक्षण की पर्याप्त व्यवस्था के आभाव में सुखद परिणाम नहीं मिल सके। सागर नगर निगम में भी करीब ८ हजार युवाओं ने आवेदन दिए थे, १०५१ लोगों का चयन किया गया और ४३३ को टे्रनिंग दी गई लेकिन २२ लोगों को ही स्टायपेंड राशि का भुगतान किया गया। बताया जा रहा है कि, चयनित युवाओं में से अधिकांश प्रशिक्षण लेने ही
नहीं पहुंचे।
8 हजार आवेदन
मप्र शासन के नगरीय विकास एवं आवास विभाग की वेबसाइट के अनुसारनगर निगम क्षेत्र में अलग-अलग 43 कैटेगिरी में 1678 कार्यों की उपलब्धता है बताई गई है। निकाय क्षेत्र में रहने वाले 7994 युवाओं ने आवेदन किए थे। इसमें सबसे ज्यादा 2088 आवेदन ऑफिस असिसटेंट के लिए आए थे, लेकिन इस पद के लिए उपलब्धता महज 19 है।
पायलट प्रोजेक्ट बता रहा विभाग
नगरीय प्रशासन विभाग के सूत्र बता रहे हैं कि, यह पायलट प्रोटेक्ट था, अब इसे नए सिरे से विचार कर आरंभ करने की योजना है। इसके तहत युवाओं को सरकारी ही नहीं बल्कि निजी क्षेत्र में भी रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जाएंगे। बताया जा रहा है कि, योजना को विस्तृत रुप देने के लिए खाका तैयार किया जा रहा है।
चयनित युवा प्रशिक्षण के लिए नहीं आए
पहले चरण में 433 युवाओं को प्रशिक्षण दिया गया है, टे्रनिंग के लिए 8 केंद्र चिन्हित किए गए हैं। किसी कारणवश अधिकतर चयनित युवा प्रशिक्षण के लिए नहीं आए। २२ लोगों को भुगतान
किया गया है।
गीता मांझी, प्रभारी युवा स्वाभिमान योजना