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video: जमीन मालिक को पता ही नहीं चला और बिक गई जमीन, फर्जी आधार कार्ड बनाकर बेची जमीन

पीड़ित ने कलेक्टर, एसपी से शिकायत कर की कार्रवाई की मांग

सागरJul 17, 2019 / 08:24 pm

sachendra tiwari

Land sold by selling fake documents

Land sold by selling fake documents

बीना. मालथौन तहसील की मढ़ैया माफी के एक किसान की जमीन गांव के व्यक्ति ने फर्जी आधार कार्ड और फर्जी पटवारी प्रतिवेदन बनवाकर बेच दी और जब किसान को पता चला तो उसने इसकी जानकारी निकाली तो होश उसके उड़ गए। क्योंकि यह जमीन उसके नाम के दस्तावेज बनवाकर उसकी जमीन की रजिस्ट्री दूसरे के नाम हो चुकी है। इसकी शिकायत पीडि़त ने कलेक्टर, एसपी से कर कार्रवाई करने की मांग की है।
ग्राम बसाहरी निवासी भूपत पिता कंगल अहिरवार ने शिकायत में उल्लेख किया है कि उसने ग्राम मढ़ैया माफी में प.ह.नं. 16 में खसरा नंबर 249/1 रकवा 1.19 हेक्टेयर जमीन 24 मई 2012 में हरकिशन अहिरवार से खरीदी थी। जिसका नामांतरण होने के बाद ऋण पुस्तिका भूपत के नाम से बनाई गई थी जो उसके पास है। 2 जुलाई १९ को मढैय़ामाफी के एक व्यक्ति द्वारा उसकी भूमि का विक्रय हो जाने की जानकारी दी और इसी दिन मालथौन तहसील में आपत्ति दर्ज कराई गई थी। इसके बाद फर्जी रजिस्ट्री के दस्तावेज निकलवाए तो उसमें फर्जी आधार कार्ड सहित अन्य दस्तावेज लगे हुए थे। किशन पिता नर्वदी अहिरवार मढैया माफी ने भूपत के नाम का फर्जी आधार कार्ड तैयार कर लगाया है। साथ ही कुछ वर्षों पूर्व किशन ने तत्कालीन पटवारी सुरेश दुबे से प्रतिवेदन और भूमि की दूसरी बंदी भी जारी करा ली थी। वर्तमान में वहां पदस्थ पटवारी शैलेन्द्र अहिरवार ने पटवारी प्रतिवेदन बनवाया और सर्विस ई-प्रोवाइडर खुरई आलोक श्रीवास्तव के माध्यम से इस जमीन की रजिस्ट्री राजू अहिरवार निवासी खुरई के नाम उपपंजीयक कार्यालय खुरई में करा दी गई। जमीन का विक्रय 11 जून को हुआ और रजिस्ट्री का प्रिंट 12 जून को जारी किया गया। इस मामले में किशन की पहचान भूपत के रुप में प्रीतम अहिरवार और तेजराम अहिरवार ने की। पीडि़त ने इस मामले में शामिल सभी लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की मांग की है। इस जमीन की कीमत पीडि़त के अनुसार 30 लाख रुपए है।
उप पंजीयक ने की थाने में शिकायत
उप पंजीयक देवेन्द्र कुमार जैन खुरई ने एक आवेदन कलेक्टर, एसडीएम खुरई, थाना प्रभारी खुरई को सौंपा है। जिसमें उल्लेख किया गया कि सर्विस प्रोवाइडर आलोक श्रीवास्तव ने ९ जुलाई को आवेदन दिया था कि भूपत अहिरवार की जमीन अन्य व्यक्ति ने भूपत बनकर बेच दी है। जानकारी मिलने पर दस्तावेज देखे तो पता चला कि भूपत ने राजू को जमीन 6 लाख 84 हजार रुपए में बेची है, जिसकी रजिस्ट्री 11 जून को हुई। उन्होंने उल्लेख किया है कि विक्रय पत्र का पंजीयन ई पंजीयन की प्रक्रिया के तहत किया गया था और सर्विस प्रोवाइडर द्वारा सभी पहचान पत्र दस्तोवज अपलोड किए गए थे। साथ ही प्रीतम और तेजराम ने विक्रेता, क्रेता की शिनाख्त भी की थी। उन्होंने फर्जी व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है।
थाना प्रभारी के लिए दिए हैं आदेश
प्रथम दृष्टा मामला धोखाधड़ी का लग रहा है और इस संबंध में थाना प्रभारी खुरई को मामला दर्ज करने के आदेश दिए हैं।
अमित सांघी, एसपी, सागर
तत्कालीन पटवारी ने बनाया प्रतिवेदन
मैंने कुछ वर्षों पूर्व भूपत की ओरिजनल ऋण पुस्तिका बनाई थी। अभी जो रजिस्ट्री हुई है उसमें तत्कालीन पटवारी द्वारा प्रतिवेदन बनाया गया है। मेरे द्वारा कोई फर्जी ऋण पुस्तिका नहीं बनाई गई है।
सुरेश दुबे, तत्कालीन पटवारी

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