फटे पाइपों से बहता रहता है पानी
ननि की तीन दमकलें चालू हालत में हैं लेकिन उन पर उपलब्ध संसाधन भगवान भरोसे हैं। तीनों ही दमकलों में जो पाइप हैं वे कटे-फटे हैं। बड़े कट होने से पाइपों से पाइप यहां-वहां बहता रहता है और दमकल का आधा पानी अनावश्यक ही बर्बाद हो जाता है। इससे आग को बुझाने में जरूरत से कई गुना ज्यादा पानी लग जाता है।
हौज कपलिंग, नोजल की कमी
जिन दमकलों पर लोगांे को बचाने का जिम्मा है उनके पास आग बुझाने के जरूरी उपकरण ही नहीं है। ननि के पास पाइपों को आपस में जोड़कर पानी को दमकल से दूरी तक ले जाने वाली हौज कपलिंग तक नहीं हैं। वहीं पानी के प्रैशर की फुहारों को बढ़ाने-घटाने और लपटों तक पहुंचाने वाले नोजल तक नहीं हैं।
स्टार्ट होना भी मुश्किल
कटरा, बड़ाबाजार, पुरव्याऊ, इतवारी टौरी, शनीचरी क्षेत्र की तंग गलियों के लिए खरीदी गई मिनी दमकल भी एक अरसे से पुलिस लाइन में टीनशैड में खड़ी धूल खा रही हैं और अचानक जरूरत की स्थिति में उसका स्टार्ट होना भी मुश्किल है। एेसे में निगम और पुलिस प्रशासन की आपदा प्रबंधन की तैयारियां हवा-हवाई ही नजर आ रही हैं।
कर्मियों की संख्या आधी भी नहीं
नगर निगम की दमकलों पर तैनात कर्मियों की संख्या आधी भी नहीं है, लेकिन इससे भी बड़ी बात यह है कि जो तैनात हैं वे भी प्रशिक्षित नहीं है। नाम के फायर फाइटरों को आम लोगों की तरह ही पाइप पकड़कर आग की लपटों से जूझना होता है। उनके पास पहनने न तो फायर फाइटर शूट है, न हैट और न ग्लब्ज एेसे में वे बिना साधनों के
आग से लड़ते हैं।
आचार संहिता के बाद बढ़ाएंगे साधन
ननि के प्रभारी उपायुक्त डॉ.प्रणय कमल खरे के अनुसार बजट आ गया है और आचार संहिता समाप्त होने के बाद संसाधनों की खरीदी की जाएगी। एक बड़ी फायर लॉरी और तंग गलियों के लिए एक टूव्हीलर फायर-फाइटर व्हीकल के लिए तैयारी कर ली गई है। फायर फाइटर पर तैनात अमले को
भी बढ़ाया जाएगा।