scriptvideo: गजरथ फेरी के साथ हुआ पंचकल्याणक महोत्सव का समापन, हजारों श्रद्धालु हुए शामिल | Panchkalyanak festival concludes with Gajrath ferry | Patrika News
सागर

video: गजरथ फेरी के साथ हुआ पंचकल्याणक महोत्सव का समापन, हजारों श्रद्धालु हुए शामिल

रविवार को महोत्सव के अंतिम दिन मोक्ष कल्याणक, विश्व शांति महायज्ञ, पूर्णाहुति का आयोजन हुआ, 30 जनवरी को यह आयोजन शुरू हुआ था।

सागरFeb 04, 2024 / 10:35 pm

sachendra tiwari

रथ खींचते हुए हाथी

रथ खींचते हुए हाथी

बीना. तीन नंबर स्कूल परिसर में चल रहे पंचकल्याणक महोत्सव का समापन रविवार को हुआ। अंतिम दिन मोक्ष कल्याणक, विश्व शांति महायज्ञ, पूर्णाहुति और गजरथ फेरी का आयोजन हुआ। गरजथ फेरी में हजारों श्रद्धालुओं ने शामिल होकर धर्मलाभ लिया। दो हाथियों ने रथ को खींचा।
धर्मसभा को संबोधित करते हुए मुनि सुव्रतसागर महाराज ने मोक्ष क्या होता है इसपर प्रकाश डालते हुए कहा कि जैन धर्म की मान्यता दुनिया के सभी सिद्धांतों से अलग है। जैन धर्म का मानना है कि अनादि काल से आत्मा और कर्मों का सहयोग रहता है, जो आत्मा को संसार में दु:खी करती है। इस दु:ख के कारण उसे जन्म, मरण की प्राप्ति होती है, जो संसार के सबसे बड़े दु:ख कहलाते हैं। जब तक जन्म मरण का चक्कर चलता रहेगा, तब तक तो दु:खों से मुक्ति प्राप्त नहीं होगी, जन्म व मरण को देने वाले होते हैं कर्म। कर्मों के कारण संसारी प्राणी दु:ख भोगता है और त्याग, तपस्या करके इन कर्मों का आत्मा से विच्छेद किया जाता है। जब कर्म और आत्मा एक दूसरे से एकदम अलग हो जाते हैं, तो ऐसी दशा को आत्मा का मोक्ष माना जाता है। उन्होंने कहा कि जैन धर्म की शान को बढ़ाने में अगर हमारे प्राण भी चले जाएं, तो हमें पीछे नहीं हटना चाहिए। ब्र. संजय भैया, ब्र. अंशु भैया ने कहा कि इसी तरह से जैन धर्म की भक्ति में लगे रहना और अपनी आत्मा के कल्याण के पद पर बढ़ते रहना।
क्या कहलाती है गजरथ की फेरी
मुनि सुव्रतसागर महाराज ने कहा कि पंचकल्याणक संपन्न होने पर गजरथ में श्रीजी को लेकर भगवान को विराजमान करके सात परिक्रमाएं लगाई जाती हैं, इन परिक्रमाओं को ही गजरथ की फेरी कहते हैं। गजरथ की फेरी के माध्यम से यह सूचना दी जाती है कि हम संसार में जन्मों जन्म से भटक रहे हैं।
बड़ी संख्या में शामिल हुए श्रद्धालु
बड़ी संख्या में शामिल हुए श्रद्धालु IMAGE CREDIT: patrika

विश्व शांति महायज्ञ क्यों किया जाता है

उन्होंने बताया कि जब हम कोई धार्मिक अनुष्ठान करते हैं, भगवान की भक्ति करते हैं अथवा कोई भी कार्य करते हैं, तो उसमें गलतियां होना त्रुटियां होना स्वाभाविक है। इन त्रुटियों की क्षमा याचना करने के लिए और विश्व के प्रत्येक प्राणी का कल्याण हो ऐसी भावना से ओत-प्रोत होकर ही विश्व शांति महायज्ञ किया जाता है। विज्ञान के अनुसार हमारे आसपास बहुत सी नकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न होती है और इस ऊर्जा को हवन, मंत्रों के माध्यम से नष्ट करने की प्रक्रिया का नाम है विश्व शांति महायज्ञ है।

https://www.dailymotion.com/embed/video/x8s5lv6

Hindi News/ Sagar / video: गजरथ फेरी के साथ हुआ पंचकल्याणक महोत्सव का समापन, हजारों श्रद्धालु हुए शामिल

ट्रेंडिंग वीडियो