शुल्क ले रहे हैं लेकिन सुरक्षा के इंतजाम नहीं
मेडिकल कॉलेज परिसर में मुख्य प्रवेश द्वार के नजदीक पेड पार्किंग शुरू कराई गई है। सितम्बर माह में ही शुरू हुई पार्किंग व्यवस्था का संचालन ठेकेदार को दिया गया है। बीएमसी आने वाले मरीज व परिजनों के वाहनों को इस पेड व्यवस्था के तहत खड़ा करने के बदले उनसे शुल्क ली जा रही है। बीएमसी में भले की पार्किंग की व्यवस्था को पेड कर दिया गया है लेकिन ठेकेदार द्वारा यहां सुरक्षा-निगरानी के इंतजाम नहीं किए गए हैं। यहां भीड़भाड़ के बीच बाइक गायब होने लगी हैं।
पर्ची पर दर्ज की जा रही है अधूरी जानकारी
पेड पार्किंग पर वाहन खड़ा करते समय शुल्क की जो पर्ची दी जा रही है उस पर निर्धारित समय, वाहन खड़ा करने का समय, वाहन नंबर आदी भी स्पष्ट दर्ज नहीं किया जा रहा है। पार्किंग स्थल पर वाहन खड़े कराने की व्यवस्था भी पुख्ता नहीं है इसलिए वाहन या तो बदमाश चुरा रहे है या हड़बड़ी में मरीज के परिजन भूलवश एक-दूसरे के वाहन ले जाते हैं और फिर यही गफलत परेशानी का कारण बन जाती है।
हड़बड़ी में फिर बदल गया वाहन
जानकारी के अनुसार सुरखी थानांतर्गत राजा बिलहरा निवासी काशीप्रसाद कुर्मी शुक्रवार शाम को बीएमसी में भर्ती मां के पास सागर आया था। शाम को उसने मेडिकल कॉलेज की पेड पाॢकंग पर अपनी बाइक खड़ी की और पर्ची लेकर अंदर चला गया। कुछ देर बाद ही मेडिकल कॉलेज परिसर में विवाद हो गया जिससे कारण काशीप्रसाद मेडिकल कॉलेज में ही रुक गया। शनिवार सुबह वह स्टेण्ड पर पहुंचा तो उसकी बाइक गायब थी। तलाश करने के बाद वह स्टेण्ड पर तैनात कर्मचारी के पास पहुंचा और अपनी मुश्किल से अवगत कराया तो कर्मचारी ने उसे बातों में लगाकर पहले पर्ची अपने हाथ में ले ली और उसे फाड़ दिया। कर्मचारी ने रात में विवाद का हवाला देकर बाइक की जिम्मेदारी लेने से पल्ला झाड़ लिया। ग्रामीण ने अपनी मजबूरी बताते हुए उससे मदद मांगी और फिर थाने चला गया। तलाश के दौरान दोपहर में मंडी बामौरा क्षेत्र से एक ग्रामीण बाइक लेकर बीएमसी पहुंचा और उसने अनजाने में दूसरी बाइक ले जाने की बात बताई। खबर लगते ही काशीप्रसाद भी वहां आ गया और बाइक को पहचान लिया। लेकिन इस पूरी गफलत ने बाइक मालिकों को परेशानी में डाला लेकिन शुल्क वसूलने वाले पेड पाॢकंग संचालक पर कोई असर नहीं पड़ा और व्यवस्था जस की तस ही रही।