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एकल परिवार की ओर बढ़ रहा समाज, परिवारों का हो रहा है विघटन

व्यक्ति, परिवार की एक इकाई होता है और परिवारों के समूह से समाज बनता है। परिवारों की जैसी बुनियाद होगी, समाज भी वैसा ही होगा। इसलिए कहते हैं कि समाज की खुशहाली परिवारों के रास्ते होकर आती है, लेकिन आज के दौर में परिवारों का विघटन हो रहा है।

सागरMay 16, 2022 / 11:54 am

Atul sharma

सागर. व्यक्ति, परिवार की एक इकाई होता है और परिवारों के समूह से समाज बनता है। परिवारों की जैसी बुनियाद होगी, समाज भी वैसा ही होगा। इसलिए कहते हैं कि समाज की खुशहाली परिवारों के रास्ते होकर आती है, लेकिन आज के दौर में परिवारों का विघटन हो रहा है। लोग संयुक्त परिवार में रहने की जगह अपने आप को ज्यादा महत्व देने लगे हैं। सागर शहर, मकरोनिया और कैंट क्षेत्र में करीब 6 लाख लोग निवास करते हैं और यहां पर करीब सवा लाख परिवार हैं। शहर से जुड़े विशेषज्ञों की माने तो संयुक्त परिवारों की संख्या 5 फीसदी से भी कम है। एकल परिवार को ज्यादा बढ़ावा मिल रहा है। बच्चे अपने माता-पिता को छोड़कर दूसरे शहरों में नौकरी कर रहे हैं।
एक ही संयुक्त परिवार

एसबीआई कॉलोनी में लगभग 45 परिवार निवासरत हैं, लेकिन संयुक्त परिवार की संख्या एक ही है। यहां रहने वाले सर्वेश उपाध्याय ने कहा कि वो संयुक्त परिवार में रहते हैं। हम दो भाई एक साथ रहते हैं। परिवार में बड़ी ताकत होती है इसलिए संयुक्त रूप से रहना चाहिए।
एक भी परिवार नहीं संयुक्त

बालक हिल व्यू निवासी डॉ. अमर जैन ने बताया कि यहां 100 परिवार रहते हैं। सभी परिवार एकल रूप से रह रहे हैं। ऐसा एक भी परिवार नहीं हैं जहां दो भाइयों का चूल्हा एक ही हो। उन्होंने बताया कि तेजी से परिवारों का विघटन हो रहा है।
हमारा परिवार है हमारी ताकत
चमेली चौक में श्रीकृष्ण ताम्रकार का परिवार संयुक्त रूप से रहता है। ताम्रकार ने बताया कि उनके चार बेटे हैं और चारों साथ में हैं। घर पर एक ही चूल्हे पर भोजन बनता है। पूरे परिवार में बच्चों सहित 20 लोग हैं। संयुक्त परिवार की एक अलग ही ताकत होती है। एक-दूसरे की मदद के लिए हमेशा तैयार रहते हैं। मीरा ताम्रकार बताती हैं कि जब एक बहु मायके जाती है तो दूसरी सहयोग करती है। हर काम समय पर होता है और इससे बच्चों के लिए भी संस्कार मिलते हैं

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