बंद पड़ी नलजल योजनाएं, परेशान होते हैं ग्रामीण
सागर•Nov 23, 2018 / 08:47 pm•
sachendra tiwari
Solutions do not cause water problem in villages
बीना. वर्षों बाद भी ग्रामीण क्षेत्रों में पानी की समस्या हल नहीं हो पाईहै। जबकि इन योजनाओं पर लाखों रुपए खर्च हो चुके हैं। कई गांव तो ऐसे हैं जहां बारिश खत्म होते ही पानी का संकट गहराने लगता है। इसके बाद भी ग्रामीणों को हर चुनाव में आश्वासन ही मिलता है। नलजल योजनाओं को शुरू करने के प्रस्ताव भी तैयार किए जाते हैंं, लेकिन योजनाएं अभी तक चालू नहीं हो पाईं। पीएचई विभाग के रिकॉर्ड में क्षेत्र में करीब 49 नलजल योजनाएं हैं और विभाग आधी योजनाएं चालू बताईं जाती हैं, लेकिन हकीकत में एक दर्जन योजनाएं भी चालू नहीं हैं। यदि सभी योजनाएं चालू हो जाएं तो गर्मी के मौसम में होने वाली पानी की किल्लत से लोगों को निजात मिल जाएगी। इस ओर जनप्रतिनिधियों द्वारा ध्यान नहीं दिया जाता है। भानगढ़ गांव में पानी के लिए लोगों को करीब एक किलोमीटर दूर जाना पड़ता है और यहां की नलजल कई वर्षों से बंद पड़ी है। योजना चालू न होने के कारण टंकी भी जर्जर होने लगी है, जिससे टंकी भी गिर सकती है। यदि किसी दिन टंकी गिर जाएगी तो इसकी चपेट में भी लोग आ सकते हैं। ग्रामीणों द्वारा कई बार टंकी चालू करने की मांग की जाती है, लेकिन यह समस्या हल नहीं हो पा रही है। ग्रामीण भी चुनाव में यह बातें जनप्रतिनिधियों को याद दिलाते हैं।
यहां हमेशा रहती है पानी की समस्या
ब्लॉक में ऐसे भी कई गांव हैं जहां हमेशा ही पानी की समस्या बनी रहती है। जिसमें बरौदिया, पिपरासर सहित भानगढ़ क्षेत्र के ऐसे कई गांव शामिल हैं। गर्मियों में यहां पानी की विकराल समस्या बनती है।
पाइप लाइन तक हो क्षतिग्रस्त
नलजल योजना बनने के बाद ही गांवों में बिछाई गई पाइप लाइन क्षतिग्रस्त हो चुकी है। इसका विरोध होने के बाद भी न तो कोई जांच हुई और न ही इसमें कोई सुधार हुआ है।