scriptसुविधाओं के नाम पर कोरा है ‘कोरेगांव | The name of the facilities is Koraa 'Koregaon' | Patrika News
सागर

सुविधाओं के नाम पर कोरा है ‘कोरेगांव

मकरोनिया नगर पंचायत में शामिल होने के बाद भी नहीं बदली तस्वीर

सागरNov 14, 2018 / 03:24 pm

Sanket Shrivastava

सुविधाओं के नाम पर कोरा है 'कोरेगांव

सुविधाओं के नाम पर कोरा है ‘कोरेगांव

सागर. नगर पालिका मकरोनिया के वार्ड नंबर-११ में आने वाले कोरेगांव में विकास की गाथा भी कोरी ही नजर आ रही है। यह गांव हमेशा से ही जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा का शिकार हुआ है। यही कारण है कि जिला मुख्यालय से महज दो किलो मीटर की दूरी पर स्थिति इस गांव में लोग आज भी विकास के सपने ही देख रहे हैं, हकीकत में कुछ खास नहीं हो सका है या यूं कहें की हकीकत के पन्नों पर कोरेगांव आज भी कोरा ही है। गांव में रहने वाले हजारों परिवार आज भी मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं। न तो गांव में पेयजल की कोई व्यवस्था है और न ही साफ-सफाई हो रही है। पत्रिका टीम ने जब कोरेगांव पहुंचकर हकीकत का जायजा लिया तो हालात चौकाने वाले थे। लोगों का कहना था कि महीनों से यहां सफाई नहीं हुई है तो हमेशा दिसंबर से ही यहां पर पेयजल की किल्लत शुरू हो जाती है।
पांच साल में नहीं पहुंची पाइप लाइन
कोरेगांव में पेयजल की व्यवस्था कराने के लिए करीब पांच साल पहले नरयावली विधायक लारिया ने १२ लाख रुपए स्वीकृत कर राजघाट की लाइन के विस्तार की घोषणा की थी, लेकिन वह अभी तक नहीं पहुंच पाई है। उसके बाद नपा ने वर्ष २०१६ में स्टीमेट तैयार कराया और नगर निगम को १६ लाख १४ हजार की राशि जारी की। जिसके बाद निगम ने अूधरी लाइन बिछाकर छोड़ दी और ९ लाख ६० हजार की अतिरिक्त राशि की मांग की गई। वह भी करीब एक साल पहले नगर पालिका जारी कर चुकी है, लेकिन आज तक इस गांव में पेयजल की लाइन नहीं पहुंच सकी है।
लगे कचरे ढेर
कोरेगांव में घुसते ही सबसे पहले गंदगी के ढेर लगे दिखाई देते हैं। नगर पालिका द्वारा नियमित सफाई न होने के कारण यहां पर लोगों के घरों के आसपास कई जगहों पर कचरे के ढेर लगे हुए हैं और उनमें मवेशियों और सूअरों डेरा बना हुआ है। गंदगी के कारण गांव में बीमारी होने का भी खतरा बना हुआ है।
यह हैं व्यवस्था
लगभग चार हजार की आबादी वाले कोरेगांव में पानी के लिए दो कुएं और पांच हेंडपपं हैं, लेकिन नियमित सफाई न होने और जिम्मेदारों की अनदेखी के कारण कुओं का पानी उपयोग करने लायक तक नहीं है। गांव में जो पांच शासकीय हैंडपंप हैं वे कभी तकनीकि खराबी के कारण बंद हो जाते हैं तो दिसंबर-जनवरी से पानी की कमी हो जाती है। हैरत की बात तो यह है कि जो दो हैंडपंप पानी देते हैं उनके चारों ओर गंदगी का अंबार लगा हुआ है।

Home / Sagar / सुविधाओं के नाम पर कोरा है ‘कोरेगांव

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो