हम्माल झाडू लगाकर रख लेते हैं कई किलो उपज
सागर•Nov 12, 2021 / 09:59 pm•
sachendra tiwari
There is no ban on the practice of grain in the market
बीना. कृषि उपज मंडी में डाक के बाद किसानों की उपज व्यापारियों के फड़ पर तौल के लिए जमीन पर डाली जाती है और तौल के बाद जमीन पर पड़ी उपज को हम्माल झाड़कर किसानों को नहीं देते हैं। जबकि कई किलो दाने यहां डले रहते हैं और जब किसान यह दाने मांगते हैं तो विवाद की स्थिति निर्मित होती है। इस दाना प्रथा को अधिकारी भी बंद नहीं करा पा रहे हैं।
मंडी में उपज को बोरियों में भरकर तौल कांटे पर ले जाकर तौल कराने के रुपए किसानों से ही लिए जाते हैं। वह यह रुपए हम्माल, तुलावटी को मिलते हैं। रुपए देने पर भी हम्माल जमीन पर डली उपज को झाड़कर किसानों के लिए नहीं देते हैं और जब किसान उपज देने के लिए कहते हैं तो विवाद की स्थिति निर्मित होती है। पांच-पांच किलो दाने एक किसान से ले लिए जाते हैं, जिससे किसानों को नुकसान होता है। कुछ किसान हम्मालों से विवाद करने की बजाय खुद ही झाडू लगाकर दाने एकत्रित करते हैं। इस ओर अधिकारियों द्वारा भी ध्यान नहीं दिया जाता है, जिससे किसान परेशान होते हैं। दाना प्रथा का किसानों ने कई बार विरोध भी किया है, लेकिन इसपर रोक नहीं लग रही है।
दिनरात मेहनत कर उपज करते हैं तैयार
मंडी आए किसान कमल सिंह ने बताया कि दिनरात मेहनत करने के बाद उपज मंडी में ला पाते हैं और यहां कई किलो दाना मुफ्त में ले लिए जाते हैं। जबकि हम्माली और तुलाई के लिए किसानों से रुपए भी लिए जाते हैं। इस ओर अधिकारियों को ध्यान देने की जरूरत है।
वृद्ध ने हाथों से फर्स पर पड़ी उपज की एकत्रित
मंडी आए एक वृद्ध ने जब हम्मालों से फसल झाड़कर उसकी तौल कराने के लिए कहा तो वह तैयार नहीं हुए, जिसपर वृद्ध ने हाथों से उपज को एकत्रित किया। धान की फसल होने के कारण वह हाथों में चुभती रही, लेकिन हम्मालों ने झाडू नहीं लगाई। फसल एकत्रित करने का भी हम्माल विरोध करते रहे। वृद्ध का कहना था कि इस वर्ष अच्छा उत्पादन नहीं हुआ है और मुफ्त में वह कई किलो दाने क्यों दें।