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सागर

कार्रवाई से बचने रेलवे में कई बार घटनाक्रम की कंट्रोल रूम को नहीं दी जाती जानकारी

अधिकारी कमी छिपाने करते हैं ऐसा, घटना कैसे हुई नहीं हो पाती जांच

सागरJul 25, 2021 / 08:13 pm

sachendra tiwari

To avoid action, many times the information about the developments is not given to the control room

To avoid action, many times the information about the developments is not given to the control room

बीना. किसी भी आपात स्थिति में तुरंत उससे निपटने के लिए रेलवे मेें कंट्रोल रूम को सूचना देनी पड़ती है, लेकिन कई बार अपनी कमी छिपाने या फिर कार्रवाई से बचने के लिए वह इसकी जानकारी उच्चाधिकारियों को नहीं देते हैं। ऐसा ही कुछ शनिवार को देखने के लिए मिला जब कंजिया स्टेशन के पास ब्रेक जाम होने की सूचना कंट्रोल रूम को नहीं दी गई। सिर्फ स्थानीय स्तर पर उसे सही करके टे्रन को रवाना कर दिया, लेकिन इस स्थिति में यदि आगे कोई घटना हो जाती तो इसकी जिम्मेदारी किसकी होती। दरअसल शनिवार को वाराणसी से अहमदाबाद जाने वाली साबरमति एक्सप्रेस के ब्रेक जाम होने से बीना से कुछ किलोमीटर चलने के बाद उसमें आग लगने के बाद धुआं निकलने लगा। जिसे रेलकर्मियों ने तुरंत अग्निशमन यंत्र से काबू पा लिया। जब इसकी जानकारी टे्रन लेकर जा रहे कर्मचारियों ने अपने उच्चाधिकारियों और उसे सही करने वाले विभाग को दी, तो उन्होंने इसकी जानकारी कंट्रोल रूम भोपाल के लिए नहीं दी। यदि वहां जानकारी दी जाती तो तुरंत दुर्घटना राहतयान को मौके पर भेजा जाता, लेकिन इससे मंडल के अधिकारियों को जानकारी लग जाती, जिससे बचने के लिए ऐसा किया गया। दस फरवरी २०१८ को एक घटनाक्रम मंडीबामोरा-कुरवाई कैथोरा स्टेशन के बीच हुआ था, जहां पर फेलुअर होने के बाद भी इसकी जानकारी कंट्रोल रूम को नहीं दी गई थी और दो कर्मचारी घटना में अपनी जान गंवा चुके थे। इसके बाद हर घटना की जानकारी कंट्रोलरूम को देना जरूरी हो गया था, लेकिन अभी अधिकारी इससे बचते नजर आते हैं।
स्टेशन के अधिकारियों को नहीं घटना की जानकारी
स्टेशन पर अधिकारियों को महज बीस किलोमीटर दूर हुए इस घटनाक्रम की जानकारी नहीं लग सकी। क्योंकि संबंधित विभाग ने केवल एसीपी (चैन पुलिंग) होने की जानकारी ही स्टेशन के अधिकारियों को दी। चूंकि भोपाल मंडल गुना तक रहता है इसलिए यहां पर राहत कार्य के लिए बीना से टीम को भेजा जाता।
यह हो सकता है आग व धुआं का कारण
रेलवे अधिकारियों ने बताया कि साबरमति एक्सप्रेस एलएचबी कोच के साथ चलती है। जब टे्रन में पावर (इंजन) लगाया जाता है तो इसके लिए आगे व पीछे के कुछ कोच को प्रेशर दिया जाता है, ताकि वह इंजन लगने पर आगे या पीछे न बढ़ सके। लेकिन इस दौरान जब पावर लग जाता है तो खुद व खुद कोच का प्रेशर रिलीज हो जाता है, जिससे ब्रेक चक्के से नहीं चिपकते हैं। इस दौरान कुछ एयर उसमें रह जाती है, जो आगे चलने पर कई बार ब्रेक को जाम करती है और आग लगने जैसी घटनाएं होती हैं।

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