
बच्चों में अंतर रखने अंतरा बना सहारा माला-डी, कॉपर-टी से मिला छुटकारा
आकाश तिवारी/सागर. बच्चों के बीच में अंतर रखने के लिए महिलाएं अंतरा की राह पकड़ रही हैं। महिलाओं को माला-डी, कॉपर-टी की जगह अंतरा इंजेक्शन सुरक्षित लग रहा है। सरकारी अस्पतालों में यह इंजेक्शन नि:शुल्क लगाए जा रहे हैं। केंद्र सरकार द्वारा 30 अगस्त को यह योजना लागू की थी।
साढ़े छह महीने में 150 से ज्यादा महिलाओं ने अंतरा को आजमाया है। इनमें से 13 महिलाएं एेसी हैं, जिन्होंने दूसरी बार इंजेक्शन लगवाए हैं। चिकित्सकों के अनुसार यह एक प्रकार का हार्मोन होता है, जो ब्लड में मिलता है। 90 का नहीं होती है। हालांकि चिकित्सक कॉपर-टी को अभी भी सबसे बेहतर विकल्प मानते हैं। बच्चों के बीच अंतर रखने के लिए सबसे सेफ कॉपर-टी को माना जाता है। लेकिन जिला अस्पताल में दस महिलाएं एेसी थीं, जिन्होंने इसे निकलवाकर अंतरा का उपयोग शुरू किया है। ग्रीन कार्ड प्रभारी बताती हैं कि इंजेक्शन का चलन महिलाओं में तेजी से बढ़ रहा है। डॉक्टरों की सलाह से महिलाएं इसे लगवा रही हैं। एक जनवरी से अभी तक 30 इंजेक्शनों की खपत हो चुकी है। 30 अगस्त से दिसंबर 17 तक 121 महिलाओं ने इंजेक्शन लगवाए थे। दो मामले एेसे थे, जिसमें प्रसूताओं ने शिशु तो जन्मे, लेकिन उनकी मौत हो गई। इसके बाद जल्द मां न बने इसके लिए अंतरा इंजेक्शन का उपयोगकिया है।
योजना के तहत महिलाओं को प्रोत्साहित करने के लिए राशि भी दी जा रही है। महिलाओं के खातों में हर डोज के लिए सौ रुपए जमा कर रही है। प्रेरित करने वाली आशाओं को भी इतनी राशि सरकार दे रही है। मार्केट में इस तरह के इंजेक्शन की कीमत दो से ढाई सौ रुपए है।
छाया नहीं आ रही रास
अंतरा के साथ छाया टेबलेट भी सरकार ने लॉंच की थी। इस दवा का सप्ताह में एक बार उपयोग करना है, लेकिन इस गर्भनिरोधक दवा का उपयोग महिलाएं नहीं कर रही हैं। चिकित्सक महिलाओं को इसका उपयोग करने की भी सलाह देती हैं। बताया जाता है कि अभी तक एक भी महिला ने इस दवा का उपयोग नहीं किया है।
Published on:
21 Jan 2018 01:14 pm
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