किसान कर रहे दवाओं का छिड़काव
सागर•Aug 10, 2020 / 07:45 pm•
sachendra tiwari
Yellow Magic in Urad Crop, Worm Outbreak in Soybean
बीना. पहले फसलें बारिश न होने के कारण सूख रही थी और अब बारिश शुरू हो गई है तो कीटों का प्रकोप बढऩे लगा है। उड़द की फसल को पीला मौजिक नष्ट कर रहा है तो सायोबीन और मक्का में इल्ली का प्रकोप बढऩे लगा है। फसलों को बचाने के लिए किसानों ने दवाओं का छिड़काव करना शुरू कर दिया है।
उड़द की फसल में पीला मौजिक लगने के कारण फसल पीली पड़कर सूखने लगी है और धीरे-धीरे पूरी फसल इससे नष्ट हो जाएगी। इसपर कीटनाशक दवाओं का असर भी कम होता है। यह रोग अभी सिर्फ उड़द में शुरू हुआ है। वहीं सोयाबीन और मक्का की फसल में इल्ली बढऩे लगी है और किसान बाजार सें दवाएं खरीदकर छिड़काव करने में जुटे हुए हैं। यदि समय पर दवाओं का छिड़काव नहीं किया गया तो इल्ली फसल को चट कर जाएगी। कृषि विभाग से कीटनाशक दवाएं न मिलने के कारण किसान बाजार से ही महंगे दामों पर दवाएं खरीदकर छिड़काव कर रहे हैं, जिसमें कई दवाएं ऐसी होती हैं जिनका असर भी नहीं होता है।
पुराने बीज में पीला मौजिक का असर ज्यादा
जिन किसानों ने पुराना बीज बोया है उसमें पीला मौजिक का असर ज्यादा दिखाई दे रहा है। किसान मुकेश कुशवाहा ने बताया कि उन्होंने इस बार उड़द का बीज बदलकर बोया है तो उसमें पीला मौजिक नहीं लगा है। जबकि जिन किसानों ने पुराना बीज जो कई वर्षों से बोते आ रहे हैं उसकी बोवनी की है उसमें यह रोग लगा है।
इन दवाओं का करें छिड़काव
आरएइओ राकेश परिहार ने बताया कि पीला मौजिक फसलों में संक्रमण की तरह फैलता है। यदि खेत में कहीं इसका असर दिखता है तो पौधों को उखाड़कर नष्ट कर दें, जिससे फसल बचाई जा सकती है। साथ ही इमेडा क्लोपिट दवा का छिड़काव प्रति एकड़ में 100 एमएल की मात्रा से करें। इसी तरह इल्ली से फसल को बचाने के लिए ट्राइजोफास दवा का छिड़ाव कर सकते हैं। एक हेक्टेयर में 1 लीटर दवा का छिड़काव करना है। इन दवाओं के छिड़काव से फसल को बचाया जा सकता है।