मीडिया कर्मियों से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि संक्रमण ने अखाड़ों के कई संतों को अपनी चपेट में ले लिया है। बढ़ते संक्रमण के ग्राफ को देखते हुए यह निर्णय किया गया है। समापन की घोषणा के साथ-साथ देशभर से जितने भी संत हरिद्वार में आए हुए हैं उन सभी से भी आग्रह किया है कि वह अपने स्थानों को वापस लौट जाएं क्योंकि हरिद्वार के हालात ठीक नहीं है।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि जो 27 अप्रैल का जो शाही स्नान है वह भी सांकेतिक रूप से होगा और उसमें कम से कम संख्या में ही संत पहुंचेंगे. इसके लिए भी संतों से निवेदन किया गया है. पूछने पर उन्होंने बताया कि हरिद्वार में हर दिन नए मामले सामने आ रहे हैं और लोगों की सुरक्षा के मद्देनजर यह निर्णय किया गया है ताकि संत भी सुरक्षित रहें और अन्य लोग भी सुरक्षित रहें। यह जो निर्णय किया गया है यह जनहित में किया गया है। 27 को स्नान तो होगा लेकिन उसमें 50-100 की संख्या में ही महात्मा जाएंगे और सांकेतिक रूप से स्नान कर लौट आएंगे